नई दिल्ली। येस बैंक के संस्थापक रहे राणा कपूर क्या विजय माल्या की तरह लंदन में मौज लेना चाहते थे। क्या उन्हें यह पता चल चुका था कि एनपीए के खेल में जिस तरह से वो शामिल थे उसका अंत होने वाला है, जब बैंक पर आरबीआई लगाम लगा देगी तो उनके लिए मुश्किलें खड़ी हो जाएंगी। यह सब ऐसे सवाल हैं जिसके जवाब का इंतजार हर किसी को है। इस बीच राणा कपूर 11 मार्च तक प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में हैं और उनके परिवार पर भी शिकंजा कस चुका है।
माल्या की तरह लंदन में रहना चाहते थे राणा कपूर
नवभारत टाइम्स में छपी खबर के मुताबिक राणा कपूर भी विजय माल्या की तरह लोगों की बर्बादी का हाल देखना चाहते थे। हजारों करोड़ की चपत लगाने के बाद वो ऐश से लंदन में बने रहना चाहता था। लेकिन वो सरकार की मंशा को नहीं भांप सके और उनका सपना साकार न हो सका। बताया जा रहा है कि करीब आठ महीनों तक येस बैंक में निवेश किए जाने वाले सौदे पर बातचीत चल रही थी। हालात ये थे कि सरकार और आरबीआई को समझ में नहीं आया कि राणा कपूर किस तरह का खेल खेल रहे हैं।
इस तरह जाल में फंसे येस बैंक के संस्थापक
कहा जा रहा है कि जब राणा कपूर ने अपने संपर्कों के जरिए यह संदेश भेजा कि वो बैंक में वापसी चाहते हैं तो सरकार और आरबीआई को शक हो गया कि कहीं न कहीं मामला गड़बड़ है बता दें कि आरबीआई के दबाव पर ही राणा कपूर को अपनी कुर्सी छोड़नी पड़ी थी। सरकार को लगने लगा कि येस बैंक की सूरत बदलने की जो कोशिश की जा रही है उसे राणा कपूर नाकाम करने की कोशिश कर रहे हैं।
नवभारत टाइम्स में छपी खबर के मुताबिक आरबीआई ने लंदन में रह रहे राणा कपूर को संदेशा भिजवाया कि निवेश की तमाम कोशिशों के नाकाम रहने के बाद वो बैंक में वापसी कर सकते हैं। लेकिन राणा कपूर इस चाल को समझ न सके। जांच एजेंसियों ने उन पर नजर रखना शुरू किया। राणा, नीरव मोदी की ही तरह वर्ली में रह रहे थे। सबसे बड़ी बात यह है कि जब बिल्डिंग के गार्ड्स के जरिए यह जानकारी हाथ लगी कि वो भारत छोड़ने की सोच रहे हैं तो उनकी गिरफ्तारी की गई।
Times Now Navbharat पर पढ़ें Business News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।