कोरोना संकट से अर्थव्यवस्था को उबारने की पहल, जानें RBI गवर्नर की मुख्य बातें

RBI Governor Shaktikanta Das Press Conference Key Highlights: वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए शशिकांत दास ने कहा कि इस संकट से दुनिया को 9 ट्रिलियन डॉलर के नुकसान की आशंका है।

RBI Governor Shaktikanta Das Press Conference, key highlights in Hindi
आरबीआई गवर्नर ने की अहम घोषणाएं।  |  तस्वीर साभार: ANI

नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शशिकांत दास ने कोविड-19 संकट से अर्थव्यवस्था पर पड़े प्रभाव की जानकारी दी और इससे निपटने के लिए उठाए जाने वाले कदमों की घोषणा की। दास ने कहा कि कोरोना संकट का भारतीय अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है और आने वाले वर्षों में दुनिया की अर्थव्यवस्था मंदी का शिकार होगी। गवर्नर ने कहा कि अंधेरे वक्त में हमें उजाले की तरफ देखना है। 

वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए शशिकांत दास ने कहा कि इस संकट से दुनिया को 9 ट्रिलियन डॉलर के नुकसान होने की आशंका है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था एवं बैंकों की हालत सुधारने के लिए नाबार्ड को 50 हजार और सिडबी को 15 हजार करोड़ रुपए देने की घोषणा की गई है।

बैंक ने बड़ा कदम उठाते हुए रिवर्स रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती की घोषणा की। अब यह चार प्रतिशत से घटकर 3.75 प्रतिशत रह गया है। इससे बैंकों को आरबीआई से कर्ज मिलने में आसानी होगी। आइए जानते हैं आरबीआई गवर्नर की मुख्य बातों के बारे में

  1. रिवर्स रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती। यह घटकर चार प्रतिशत से 3.75 प्रतिशत हुआ।
  2. नाबार्ड को 50 हजार और सिडबी को 15 हजार करोड़ रुपए देने की घोषणा की गई है
  3. जी-20 के मुकाबले भारत की अर्थव्यवस्था ज्यादा अच्छा प्रदर्शन करेगी।
  4. मार्च में ऑटोमोबाइल का उत्पादन और बिक्री गिरा है। कोरोना का असर बड़े एवं छोटे उद्योगों पर पड़ा है।
  5. कोरोना संकट से दुनिया की अर्थव्यवस्था को 9 ट्रिलियन का नुकसान हो सकता है। 
  6. कोरोना संकट का दौर समाप्त होने पर भारत का विकास दर 7.4 प्रतिशत रहने की उम्मीद।
  7. कोविड-19 के संकट से दुनिया भर के व्यापार में 30 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है।
  8. भारतीय अर्थव्यवस्था में गिरावट की वजह से विकास दर 1.9 रह सकती है।
  9. बैंकों के लिए एलसीआर 100 से घटाकर 80 प्रतिशत किया गया है।
  10. सिस्टम में नकदी की कमी नहीं होगी, करीब 90 फीसदी एटीएम चालू हैं।

अर्थव्यवस्था की हालत संभालने के लिए आरबीआई गवर्नर की ये घोषणाएं अहम हैं। दास ने माना कि भारत की अर्थव्यवस्था जी-20 से बेहतर रहेगी लेकिन इस संकट का असर लंबे समय तक रहेगा।

बैंकों को मिलने वाले कर्ज में परेशानी न हो इसके लिए रिवर्स रेपो रेट में कटौती अहम कदम है। इसके अलावा नाबार्ड को राहत पैकेज मिलने से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। आरबीआई ने एनपीए के लिए नए नियमों की घोषणा भी की है।
 

Times Now Navbharat पर पढ़ें Business News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।

अगली खबर