आर्थिक मोर्चे पर अच्छी खबर, RBI ने कहा- भारतीय अर्थव्यवस्था के सामान्य स्थिति की ओर लौटने के संकेत

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भाषा
Updated Jul 11, 2020 | 18:55 IST

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि कोरोना महामारी के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था के पटरी पर लौटने के संकेत मिलने लगे हैं।

RBI governor shaktikanta das says Indian economy showing signs of returning to normalcy
'भारतीय अर्थव्यवस्था के सामान्य स्थिति की ओर लौटने के संकेत' 
मुख्य बातें
  • सामान्य स्थिति की ओर लौटने के संकेत देने लगी है भारतीय अर्थव्यवस्था: RBI
  • व्यवस्थित तरीके से समेटने में बेहद सावधानी से एक राह का अनुसरण करना होगा- शक्तिकांत दास
  • रिजर्व बैंक के गवर्नर ने कहा कि वित्तीय तंत्र कोरोना जैसे हालात में भी सक्रिय तरीके से कर रहा है काम

मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शनिवार को कहा कि लॉकडाउन की पाबंदियों में धीरे-धीरे ढील दिये जाने के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था सामान्य स्थिति की तरफ लौटने के संकेत देने लगी है। उन्होंने कहा कि अभी के समय की जरूरत भरोसे को पुन: बहाल करना, वित्तीय स्थिरता को संरक्षित करना, वृद्धि दर को तेज करना और मजबूत वापसी करना है। दास ने 7वें एसबीआई बैंकिंग एंड इकनॉमिक्स कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए कहा, ‘लॉकडाउन की पाबंदियों में ढील दिये जाने से भारतीय अर्थव्यवस्था अब सामान्य स्थिति की ओर लौटने के संकेत देने लगी है।’

भारतीय कंपनियों ने दी बेहतर प्रतिक्रिया
उन्होंने कहा कि भारतीय कंपनियों और उद्योगों ने संकट के समय बेहतर प्रतिक्रिया दी। हालांकि, इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आपूर्ति श्रृंखला के पूरी तरह से बहाल होने और मांग की स्थिति सामान्य होने में कितना समय लगेगा, यह अभी अनिश्चित है। यह भी अनिश्चित है कि यह महामारी हमारी संभावित वृद्धि पर किस तरह का टिकाऊ असर छोड़ती है। दास ने कहा कि सरकार ने जिन लक्षित एवं विस्तृत सुधार उपायों की घोषणा की है, उनसे आर्थिक वृद्धि को सहारा मिलना चाहिये।

 उन्होंने कहा कि कोविड-19 के बाद की बेहद अलग दुनिया में संभवत: अर्थव्यवस्था के भीतर उत्पादन के कारकों का पुन: आवंटन तथा आर्थिक गतिविधियों को विस्तृत करने के नवोन्मेषी तरीकों से कुछ पुनर्संतुलन बन सकेगा और आर्थिक वृद्धि को गति देने वाले नये वाहक उभर सकेंगे। दास ने कहा कि रिजर्व बैंक वित्तीय स्थिरता को संरक्षित करने, बैंकिंग प्रणाली को सही बनाये रखने और आर्थिक गतिविधियों को बनाये रखने के बीच संतुलन बनाने का काम करता है।

सावधानी होगी बरतनी
उन्होंने कहा, ‘कोविड-19 के बाद के युग में प्रति चक्रीय नियामकीय उपायों को व्यवस्थित तरीके से समेटने में बेहद सावधानी से एक राह का अनुसरण करना होगा।’ रिजर्व बैंक के गवर्नर ने कहा कि जो नियामकीय ढील दी गयी हैं, उन्हें नये प्रावधान माने बिना भी वित्तीय क्षेत्र सामान्य स्थिति की ओर लौट सकता है। उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने आर्थिक वृद्धि को सहारा देने के लिये फरवरी 2019 के बाद से नीतिगत दरों में 2.5 प्रतिशत की कटौती की है।

उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक की पारंपरिक व गैर-पारंपरिक मौद्रिक नीतियां तथा तरलता के उपाय बाजार के भरोसे को पुन: बहाल करने, तरलता की दिक्कतों को आसान करने, वित्तीय स्थितियों को ढीला बनाने, ऋण बाजार के ठहराव को दूर करने तथा रचनात्मक उद्देश्यों के लिये जरूरतमंदों को वित्तीय संसाधन मुहैया कराने पर केंद्रित हैं। दास ने कहा, ‘व्यापक उद्देश्य वित्तीय स्थिरता को संरक्षित करते हुए वृद्धि के परिदृश्य के जोखिमों को दूर करना था।’

वित्तीय तंत्र लगातार कर रहा है काम
उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी का ठीक-ठाक असर होने के बाद भी सभी भुगतान प्रणालियों और वित्तीय बाजारों समेत देश का वित्तीय तंत्र बिना किसी रुकावट के काम कर रहा है। दास ने कहा, ‘रिजर्व बैंक वित्तीय स्थिरता के जोखिमों के बदलते स्वरूप का लगातार आकलन कर रहा है और वित्तीय स्थिरता का संरक्षण सुनिश्चित करने के लिये निगरानी की रूपरेखा को उन्नत बना रहा है।’ गवर्नर ने कहा कि बैंकों तथा वित्तीय बाजार की इकाइयों को सतर्क रहना होगा और उन्हें संचालन, विश्वास कायम रखने वाली प्रणालियों तथा जोखिम के संबंध में अपनी क्षमताओं को उन्नत बनाना होगा।

उन्होंने कहा कि बैंकों को अपना कंपनी संचालन सुधारना होगा, जोखिम प्रबंधन को तीक्ष्ण बनाना होगा और स्थिति उत्पन्न होने की प्रतीक्षा किये बिना अनुमान के आधार पर पूंजी जुटानी होगी। दास ने कहा कि लॉकडाउन ने स्थल पर जाकर निगरानी (ऑन साइट सुपरविजन) करने की रिजर्व बैंक की क्षमता में एक हद तक व्यवधान डाला है, ऐसे में केंद्रीय बैंक बिना स्थल पर गये निगरानी (ऑफ साइट सर्विलांस) करने की अपनी व्यवस्था को मजबूत बना रहा है। उन्होंने कहा कि ऑफ साइट सर्विलांस की प्रणाली का उद्देश्य यह है कि यदि कोई गड़बड़ी है, तो उसकी पहचान की जाए तथा उसे रोकने के पूर्व उपाय किए जाएं।

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