RBI Monetary Policy December 2021 Announcement: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास (Governor Shaktikanta Das) ने बुधवार को कहा कि मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने मुद्रास्फीति (inflation) की चिंताओं के बावजूद प्रमुख नीतिगत दरों को अपरिवर्तित रखने का फैसला किया है।
एमपीसी ने वृद्धि दर को पटरी पर लाने और उसे सतत आधार पर बनाए रखने के लिए अपने उदार रुख को बनाए रखने का भी फैसला किया क्योंकि कोविड-19 के ओमीक्रॉन संस्करण (omicron variant of Covid-19) से आर्थिक सुधार को खतरा बना हुआ है। एसपीसी की बैठक 6 दिसंबर को शुरू हुई थी। यह इस कैलेंडर वर्ष में समिति की आखिरी बैठक थी।
4 फीसदी ही रहेगी रेपो रेट
रेट-सेटिंग पैनल ने बुधवार को खत्म हुई अपनी तीन दिवसीय समीक्षा बैठक में प्रमुख नीतिगत दरों के मोर्चे पर यथास्थिति बनाए रखी। MPC ने रेपो रेट 4 फीसदी, रिवर्स रेपो 3.35 फीसदी, मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (MSF) और बैंक रेट 4.25 फीसदी पर स्थिर रखी। मालूम हो कि यह लगातार नौवीं बार है जब भारतीय रिजर्व बैंक ने नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। भारतीय रिजर्व बैंक ने आखिरी बार 22 मई 2020 को नीतिगत दरों में बदलाव किया था। दास ने कहा कि एमपीसी के 6 में से 5 सदस्यों ने accomodative रुख बनाए रखने के पक्ष में वोट दिया।
GDP पर केंद्रीय बैंक ने क्या कहा?
RBI ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए अपने सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का अनुमान 9.5 फीसदी पर बनाए रखा। तीसरी तिमाही में यह 6.6 फीसदी और चौथी तिमाही में 6 फीसदी रह सकती है। केंद्रीय बैंक के अनुसार, 2022-23 की पहली तिमाही के लिए वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर 17.2 फीसदी और 2022-23 की दूसरी तिमाही के लिए यह 7.8 फीसदी रह सकती है।
इतना जताया मुद्रास्फीति का अनुमान
आरबीआई ने उपभोक्ता मूल्य सूचकांक मुद्रास्फीति (CPI) वित्त वर्ष 2021-22 में 5.3 फीसदी रहने का अनुमान लगाया। तीसरी तिमाही में यह 5.1 फीसदी और चौथी तिमाही में यह 5.7 फीसदी रह सकती है।
आरबीआई गवर्नर ने क्या कहा?
इस दौरान आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) सबसे बड़ी गिरावट से बाहर आ गई है। हम कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए तैयार हैं। कच्चे तेल (Crude Oil) की कीमत नवंबर में नरमी आई है। इससे घरेलू बाजार में लागत के स्तर पर दबाव कम होगा। पेट्रोल, डीजल की कीमतों (Petrol-Diesel Prices) पर टैक्स की दरें कम होने से खपत मांग को मदद मिलनी चाहिए।
आगे मौद्रिक नीति समीक्षा की जानकारी देते हुए गवर्नर दास ने कहा कि मूल्य स्थिरता विकास, स्थिरता को बढ़ावा देता है। केंद्रीय बैंक वित्तीय स्थिरता को बनाए रखने के लिए नकदी का प्रबंधन करता रहेगा। आर्थिक सुधार का समर्थन करने के लिए केंद्रीय बैंक बैंकों को बिना उसकी पूर्व अनुमति के विदेशी शाखाओं में पूंजी और लाभ भेजने की अनुमति देगा।
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