Property News : प्रोपर्टी मार्केट अप्रैल से जून तक रहा पस्त, अगले 6 महीने भी रहेगा फीका!

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Updated Aug 03, 2020 | 19:48 IST

Property market News : संपत्ति सलाहकार कंपनी नाइट फ्रैंक के एक सर्वे के मुताबिक आर्थिक तनाव और क्षतिपूर्ति इत्याद के संबंध में अस्पष्टता के चलते हितधारकों के बीच अगले छह माह भी निराशावादी रुख बने रहने का अनुमान

Real estate Property market battered from April to June, next 6 months will also fade!
रियल एस्टेट बाजार सुस्त  |  तस्वीर साभार: BCCL

Real estate Property market : कोविड-19 संकट के चलते देश के संपत्ति बाजार में अप्रैल-जून किे दौरान धारणा अपने सर्वकालिक निचले स्तर पर रही। संपत्ति सलाहकार कंपनी नाइट फ्रैंक के एक सर्वे के मुताबिक आर्थिक तनाव और क्षतिपूर्ति इत्याद के संबंध में अस्पष्टता के चलते हितधारकों के बीच अगले छह माह भी निराशावादी रुख बने रहने का अनुमान है। वर्ष 2020 की दूसरी तिमाही के लिए किए गए 25वें नाइट फ्रैंक फिक्‍की नारेडको रियल एस्टेट सेंटीमेन्ट इंडेक्स सर्वे के अनुसार संपत्ति बाजार से जुड़े हितधारकों का ‘वर्तमान माहौल को लेकर धारणा स्कोर’ 22 अंक रहा। जबकि इससे पिछली तिमाही (जनवर-मार्च 2020) में यह 31 था। सर्वे के मुताबिक ‘मौजूदा धारणा का यह सबसे निचला स्तर है।’

वहीं हितधारकों के बीच ‘भविष्य को लेकर धारणा’ स्कोर सुधरकर 41 अंक रहा। पिछली तिमाही में यह 36 था। लेकिन यह अभी भी निराशावादी रुख को दर्शाता है। नाइट फ्रैंक का यह सर्वे डेवलपर्स, निजी इक्विटी फंड्स, बैंक और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ (एनबीएफसी) के बाजार को लेकर रुख का अध्ययनर करता है। इसका 50 अंक पर रहना हितधारकों की ‘उदासीन’ या ‘यथा स्थिति’ बने रह धारणा को दर्शाता है वहीं 50 अंक से अधिक का स्तर बाजार को लेकर ‘सकारात्मक’ धारणा दिखाता है। जबकि 50 अंक से नीचे का स्तर बाजार में ‘निराशावादी’ रुख को दिखाता है।

नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक शिशिर बैजल ने कहा कि कुछ वृहद आर्थिक संकेतक बेहतरी के संकेत दिखा रहे हैं। वहीं साल की दूसरी छमाही त्यौहारों से भरी होने के चलते हितधारकों ने पिछली तिमाही की तुलना में बेहतर धारणा प्रस्तुत की है। हालांकि वे अब भी निराशावादी रुख अपनाए हुए हैं। इस स्थिति में हम अपेक्षा करते हैं कि त्यौहारों के कारण लॉकडाउन में छूट मिलेगी, जिससे आर्थिक गतिविधि दोबारा शुरू होने में मदद मिलेगी और छुपी हुई मांग उभरेगी।

नारेडको के राष्ट्रीय अध्यक्ष और हीरानंदानी समूह के संस्थापक और प्रबंधन निदेशक डॉ. निरंजन हीरानंदानी ने कहा कि महामारी के पहले अर्थव्यवस्था सुस्त हो रही थी, मांग अटकी पड़ी थी। इससे बीतती तिमाहियों के साथ जीडीपी घट रही थी। कोविड-19 और उसके कारण लगे संपूर्ण लॉकडाउन साल 2020 की दूसरी तिमाही में आर्थिक गतिविधि को बड़ा झटका दिया। मौजूद नकदी संकट, मजदूरों और कच्चे माल की कमी के चलते उद्योग को सरकार का साथ चाहिये, ताकि आर्थिक तनाव कम हो।

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