कोरोना काल में वर्ष 2021-22 का बजट एक फरवरी को पेश किया जाएगा। यह अब तक के बजट से बिल्कुल अलग होगा। सरकार चरमराई अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए कई कड़े फैसले ले सकती है। दूसरी तरफ रियल इस्टेट, स्टार्टअप, रिटेल सेक्टर, टैक्नोलॉजी सेक्टर समेत अन्य सेक्टर्स को सरकार से काफी उम्मीदें हैं। अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के प्रयासों में और तेजी लाने के लिए विभिन्न सेक्टर से जुड़े एक्सपर्ट्स ने अपनी राय रखी।
रियल इस्टेट से जुड़े Ocean Infraheights Pvt Ltd (गोल्डन आई) के मैनेजिंग डायरेक्टर आनंद शुक्ला ने कहा कि इस महामारी ने अचल संपत्ति क्षेत्र पर भी कहर बरपा है! यह देखते हुए कि रियल एस्टेट देश में दूसरा सबसे बड़ा रोजगार सृजन सेक्टर है, हम उम्मीद कर रहे हैं कि सरकार ग्राहक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए इस क्षेत्र के लिए कुछ ठोस करने पर ध्यान दे रही है। विशेष रूप से एक वाणिज्यिक रियल एस्टेट के नजरिए से, हम सुधारों और प्रोत्साहनों के लिए उत्सुक हैं जो विनिर्माण, स्टार्ट-अप क्षेत्रों आदि को प्रोत्साहन प्रदान करते हैं; प्रौद्योगिकी, टिकाऊ निर्माण और संचालन के डिजिटलीकरण में निवेश करने के लिए देख रहे सभी खिलाड़ियों के लिए सिस्टम और उपकरणों पर ब्याज या पूंजी सब्सिडी प्रदान करे। इसके अलावा, हमें उम्मीद है कि केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर काम कर सकती हैं और जीएसटी, स्टांप ड्यूटी और सर्कल दरों को कम करने पर भी विचार करें।
जयपुर वॉच कंपनी संस्थापक और सीईओ गौरव मेहता ने कहा कि एक उद्यमी के रूप में, मुझे उम्मीद है कि इस साल का बजट विकास उन्मुख उपायों को प्राथमिकता देगा और इसमें देसी ब्रांडों के लिए प्रोत्साहन शामिल होगा। एक घड़ी उद्योग के नजरिए से, इस महामारी के बाद टैक्स रियायतें, जीएसटी दरों में कमी उपभोक्ताओं को और अधिक खर्च करने के लिए प्रोत्साहित करना इस समय की अत्यंत प्राथमिकता है। विशेष रूप से बेस्पोक सोने की घड़ियों की मांग एक सर्वकालिक कम हैं, सोने की कीमतों में बढ़ने के साथ क्या, हम सोने पर उच्च आयात/कस्टम शुल्क के मुद्दों को संबोधित कर इस बजट से बाजार में स्थिरता लाने में मदद मिलेगी। इसके अलावा हम उम्मीद कर रहे हैं कि सरकार "मेड इन इंडिया" उत्पादों के लिए एक विशेष निशान के साथ आती है ताकि उन्हें आयातित उत्पादों से अलग किया जा सके।
ब्लूपाई कंसल्टिंग के सीईओ प्रोनाम चटर्जी ने कहा कि कोरोना के चलते देश में रिटेल सेक्टर सबसे ज़्यादा प्रभावित हुआ है। जिसका सीधा-सीधा असर पूरे सप्लाई चैन मैनेजमेंट पर पड़ा है हालंकि त्योहारों के सीजन में उम्मीद की जा रही थी लोगों के अंदर जो खरीददारी का उत्साह रहता है वो हमें इस परेशानी से निकाल पाएगी! पिछला साल फीका ही रहा और इजाफे की जितनी उम्मीद थी वो पूरी न हो सकी। इस साल हम आने वाले बजट से यही उम्मीद है कि सरकार कुछ ऐसे ठोस कदम उठाए जो डिस्पोजेबल इनकम को बढ़ा सके और व्यापारियों को इसका फायदा जल्द से जल्द दिखने लगे और टैक्स को काम करें जिससे की मार्किट में वस्तुओं की जो मांग है वो बढ़ सकें। सप्लाई चैन मैनेजमेंट पर इस बार सरकार थोड़ा ज्यादा ध्यान देंगी तो इससे व्यापारियों को अपने व्यापार के लिए फंड/ कैपिटल जुटाने में मदद मिलेंगी।
माध्यम वर्गीय व्यापारी पूरे रिटेल ट्रेड को नहीं संभाल सकते है अगर वे अपने प्रोडक्ट की मैन्युफैक्चरिंग भी करते हैं और दूसरी ओर हमारे देश में कपड़ा व्यापारी को एक माध्यम वर्गीय व्यापारी माना जाता है पर इन व्यापारियों को सरकार की तरफ से कोई स्पेशल पैकेज नहीं दिया जाता जिससे कि उनके व्यापार पर सीधा-सीधा असर देखने को मिलता है। हम सरकार से दरख्वास्त करते है कि माध्यम वर्गीय कपड़ा व्यापारियों के लिए इस साल कुछ स्पेशल पैकेज की घोषणा करें और इसका फायदा इन सभी व्यापारियों को आगे आने वाले समय में हो।
रेपिडर सीईओ एंड फाउंडर अमित गुप्ता ने कहा कि विश्व में आई महामारी ने न सिर्फ भारत पर बल्कि पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था में भारी असर डाला है। इस महामारी से ऐसा कोई भी सेक्टर नहीं है जो बच पाया हो। हालंकि सिर्फ IT & ITeS सेक्टर एक ऐसा सेक्टर है जिसने बाकी सभी उद्योग को संभाला है और जिसकी वजह से EdTech, FinTech, HealthTech, HRTech में वृद्धि देखने को मिली है और आगे आने वाले समय में भी Cloud-Tech, AI के माध्यम से इसमें इजाफा देखने को मिलेगा।
देश में चल रहे माध्यम वर्गीय व्यापार हमारे देश की अर्थव्यवस्था की एक नीव है। देश और उनकी भूमिका सबसे अलग व अनोखी है। चाहे फिर वो देश का एक-एक किसान क्यों न हो। हम चाहते है कि सरकार अपना रुख देश के किसानों की ओर दिखाए और उनको क्रेडिट फैसिलिटीज देने के बारे सोचे जिससे की देश की कृषि टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल के बारे में सोच पाए। साथ ही साथ जो टैक्स सबंधी मामले है उससे किसानों को मुक्त करने के बारे में भी इस बार कुछ नए नियम लेके आए। इससे न केवल किसान पूरे देश में अपने हिसाब अपने अपन प्रोडक्ट को बेच व खरीद सकता है और देश में चल रहे स्टार्टअप्स कम्युनिटी को भी में भी फायदा मिलेगा।
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