नई दिल्ली : सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश में जून अंत तक कुल रजिस्टर्ड कंपनियों की संख्या 20 लाख से ऊपर निकल गई जबकि इसमें से 7.4 लाख से अधिक कंपनियां विभिन्न कारणों से बंद हो गई। कार्पोरेट कार्य मंत्रालय द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक 30 जून की स्थिति के अनुसार 12.15 लाख से कुछ अधिक कंपनियां कामकाज कर रही थीं, सक्रिय थी। आमतौर पर सक्रिय कंपनियों से तात्पर्य उन कंपनियों से होता है जो कि मंत्रालय को जरूरी दस्तावेज और सूचनायें नियमित रूप से देती रहतीं हैं। कार्पोरेट कार्य मंत्रालय कंपनी अधिनियम को क्रियान्वित करता है। मंत्रालय सीमित दायित्व भागीदारी (एलएलपी) कानून को भी अमल में लाता है।
आंकड़ों के मुताबिक अकेले जून 2020 में 10,954 कंपनियां पंजीकृत की गई जिनकी कुल प्राधिकृत पूंजी 1,318.89 करोड़ रुपए है। एक साल पहले जून में 9,619 कंपनियों का पंजीकरण हुआ था। इस साल जून में पंजीकृत कंपनियों में कारोबारी सेवाओं के तहत 3,399 कंपनियों पंजीकृत हुई, वहीं विनिर्माण क्षेत्र में 2,360 कंपनियां, व्यापार में 1,499 कंपनियां, सामुदायिक, व्यैक्तिक और सामाजिक सेवाओं के क्षेत्र में 1,411 कंपनियां और निर्माण के क्षेत्र में 644 कंपनियां पंजीकृत हुईं।
मंत्रालय के कंपनी क्षेत्र पर जारी ताजा मासिक सूचना बुलेटिन के मुताबिक 30 जून 2020 को कुल मिलाकर 20 लाख 14 हजार 969 कंपनियां पंजीकृत थी। इनमें से 7 लाख 46 हजार 278 कंपनियां बंद हो चुकी हैं। वहीं 2,242 कंपनियों को कंपनी कानून 2013 के तहत निष्क्रिय बताया गया है। इसके अलावा 6,706 कंपनियां परिसमापन की प्रक्रिया में हैं जबकि 43,770 कंपनियां का पंजीकरण रद्दे होने की प्रक्रिया में है। इसके बाद 30 जून को 12 लाख 15 हजार 973 कंपनियां पूरी तरह से सक्रिय हैं।
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