मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक ने बृहस्पतिवार को नकदी संकट से जूझ रहे निजी क्षेत्र के यस बैंक के निदेशक मंडल को भंग करते हुए उस पर प्रशासक नियुक्त कर दिया है। इसके साथ ही बैंक के जमाकर्ताओं पर निकासी की सीमा सहित इस बैंक के कारोबार पर कई तरह की पाबंदिया लगा दी गयी हैं।
केंद्रीय बैंक ने अगले आदेश तक बैंक के ग्राहकों के लिए निकासी की सीमा 50,000 रुपये तय की है। बैंक का नियंत्रण भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व में वित्तीय संस्थानों के एक समूह के हाथ में देने की तैयारी की गयी है।
आरबीआई ने देर शाम जारी बयान में कहा कि यस बैंक के निदेशक मंडल को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया गया है और भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के पूर्व मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) प्रशांत कुमार को येस बैंक का प्रशासक नियुक्त किया गया है।
इससे करीब छह माह पहले रिजर्व बैंक ने बड़ा घोटाला सामने आने के बाद शहर के सहकारी बैंक पीएमसी बैंक के मामले में भी इसी तरह का कदम उठाया गया था।
यस बैंक के स्वतंत्र निदेशक उत्तम प्रकाश ने दे दिया था इस्तीफा
इससे पहले जनवरी 2020 में यस बैंक के स्वतंत्र निदेशक उत्तम प्रकाश अग्रवाल ने कंपनी संचालन में आती गड़बड़ियों और अन्य मामलों पर गंभीर चिंताएं जताते हुए पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने बैंक के गैर-कार्यकारी अंशकालिक चेयरमैन ब्रह्म दत्त को भेजे इस्तीफे में कहा था, ‘मैं यस बैंक के स्वतंत्र निदेशक, ऑडिट समिति के चेयरमैन तथा निदेशक मंडल की सभी अन्य समितियों की सदस्यता से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा देता हूं।’
उन्होंने पत्र में कहा था कि कंपनी संचालन स्तर का स्तर गिरते जाने, अनुपालन में अक्षम रहने, प्रबंधन के तौर-तरीके और सीईओ एवं एमडी रवणीत गिल, संचालन एवं नियंत्रण के वरिष्ठ समूह अध्यक्ष राजीव उबेओई और निदेशक मंडल के सदस्य एवं वैधानिक प्रमुख संजय नांबियार द्वारा कंपनी मामलों को देखने के तौर-तरीकों को लेकर गंभीर चिंताएं हैं।
गौरतलब है कि यस बैंक काफी समय से डूबे कर्ज की समस्या से जूझ रहा है। इससे पहले दिन में सरकार ने एसबीआई और अन्य वित्तीय संस्थानों को यस बैंक को उबारने की अनुमति दी थी।
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