कोविड-19 वैश्विक महामारी ने दुनिया भर के इन्वेस्टर्स को काफी चिंतित कर दिया है। कई इन्वेस्टमेंट प्रोडक्ट्स, वर्तमान में नेगेटिव रिटर्न दे रहे हैं जबकि मंदी के आने की सम्भावना सुनिश्चित लग रही है। अभी भी यह क्लियर नहीं हुआ है कि यह महामारी कब तक चलेगी और भविष्य में हमारे वेल्थ पर इसका कितना बुरा असर पड़ने वाला है। जब परिस्थिति अनुकूल न लगे तब सिर्फ अपने पैसे को सुरक्षित करने के लिए ही नहीं बल्कि मनचाहा रिटर्न पाने के लिए भी अपने वेल्थ को मैनेज करने की स्ट्रेटेजी क्या होनी चाहिए? मैंने यहां इस संबंध में कुछ टिप्स बताएं हैं जो आपको उपयोगी लग सकते हैं।
फिर से अपनी रिस्क सहनशीलता का मूल्यांकन करें
कोविड-19 वैश्विक महामारी ने अनगिनत इन्वेस्टर्स के इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो को काफी हद तक कम कर दिया है। उनमें से कई लोगों के इनकम को भी झटका लगा है, इसलिए मौजूदा परिस्थिति में वेल्थ क्रिएट करना मुश्किल हो गया है। इसी तरह, इन्वेस्टर्स की रिस्क उठाने की चाहत यानी इन्वेस्टमेंट रिस्क लेने की इच्छा के विपरीत उनकी रिस्क सहनशीलता यानी इन्वेस्टमेंट रिस्क लेने की उनकी वास्तविक क्षमता पहले की तरह नहीं हो सकती है। उदाहरण के लिए, मान लीजिए, इस प्रकोप से पहले एक इन्वेस्टर होने के नाते आपकी रिस्क सहनशीलता यानी नुकसान सहने की क्षमता, आपके इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो का 30% तक थी, लेकिन अब आप शायद और कोई नुकसान उठाने की स्थिति में नहीं होंगे। इसलिए, यह अपनी रिस्क सहनशीलता का फिर से मूल्यांकन करने और यह सोचकर कोई फैसला लेने से बचने का समय है कि आप अभी भी ज्यादा रिस्क लेने में सक्षम हैं जैसा कोरोना वायरस वैश्विक महामारी से पहले था। अपनी रिस्क सहनशीलता का सटीक पुनः मूल्यांकन करने से आपको अपने पैसे को सुरक्षित करने के साथ-साथ धीरे-धीरे वेल्थ क्रिएट करने में भी मदद मिल सकती है।
अपने फाइनेंसियल लक्ष्यों की प्राथमिकता निर्धारित करें
आप क्यों वेल्थ क्रिएट करना चाहते हैं? इसका उत्तर - अपने रहन-सहन की क्वालिटी को बनाए रखना और उसे बेहतर बनाना, अपने फाइनेंसियल लक्ष्यों को समय पर पूरा करना और रिटायरमेंट के बाद एक आरामदायक जिंदगी गुजारना हो सकता है। अब तक, अधिकांश इन्वेस्टमेंट्स डाउन हैं और इनकम के रास्ते बंद हो रहे हैं। इससे, समय पर अपने सभी फाइनेंसियल लक्ष्यों के पूरा होने की सम्भावना पर बुरा असर पड़ सकता है। इसलिए, अपने फाइनेंसियल लक्ष्यों को फिर से प्लान करने में संकोच न करें। इससे आपको यह पता लगाने में मदद मिलेगी कि कौन-कौन से फाइनेंसियल लक्ष्य अभी भी आपके लिए प्रासंगिक हैं और कौन नहीं। आप चाहें तो अपने कुछ कम प्राथमिकता वाले फाइनेंसियल लक्ष्यों को छोड़ सकते हैं ताकि आपके महत्वपूर्ण लक्ष्य पूरे हो सकें। अपने फाइनेंसियल लक्ष्यों को फिर से प्लान करने पर, आपको अपने वेल्थ का इस्तेमाल सही दिशा में करने में मदद मिलेगी।
अपने इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो को रिबैलेंस करें
मौजूदा इन्वेस्टमेंट माहौल, महामारी शुरू होने से पहले की तरह नहीं है। आपने अपनी उम्र, रिस्क उठाने की चाहत, लक्ष्य, और रिटर्न की उम्मीद के आधार पर अलग-अलग एसेट क्लास में पैसे इन्वेस्ट किए होंगे। लेकिन, आर्थिक मंदी और इन्वेस्टमेंट मार्केट्स में उठा-पटक के कारण, आपका पोर्टफोलियो असंतुलित हो गया होगा; उदाहरण के लिए, इक्विटी इन्वेस्टमेंट्स का प्रतिशत, डेब्ट इन्वेस्टमेंट की तुलना में कम हो गया होगा। इसलिए, अब आपको कुछ ख़ास एसेट क्लास में अपने इन्वेस्टमेंट के कुछ हिस्से को बढ़ाने या घटाने के लिए अपने पोर्टफोलियो को रिबैलेंस करना पड़ सकता है। अपनी मौजूदा रिस्क उठाने की चाहत, लक्ष्य, और अलग-अलग एसेट क्लास की रिटर्न क्षमता के अनुरूप बनाने के लिए अपने पोर्टफोलियो को रिबैलेंस करने की कोशिश करें। यदि इस सम्बन्ध में आपको किसी मदद की जरूरत है तो आप चाहें तो अपने इन्वेस्टमेंट एडवाइजर से बात कर सकते हैं।
फिर से अपना बजट बनाएं
कई एक्सपर्ट्स की राय है कि हमें बहुत जल्द यूएस डॉलर और दुनिया की अन्य प्रमुख करंसियों के मुकाबले भारतीय रुपये के वैल्यू में गिरावट देखने को मिल सकती है। पहले से ही इनकम बंद होने और तुरंत विकास की सम्भावना कम होने के कारण, आपकी खरीदने की क्षमता ख़त्म होने के कारण आपको उन्हीं खर्चों को पूरा करने के लिए और ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ सकते हैं जो आप इस वैश्विक महामारी से पहले कर रहे थे। इसलिए, आपको अपने वेल्थ को ख़त्म होने से बचाने के लिए अपना बजट फिर से इस तरह तैयार करना चाहिए कि कम प्राथमिकता वाले या गैर जरूरी खर्च में कटौती हो सके। इसके अलावा आपको अपने पैसे इन्वेस्टेड रखने चाहिए ताकि आप लम्बे समय में महंगाई को मात दे सकें और आपको अपने इन्वेस्टमेंट से ज्यादा रिटर्न कमाने पर ध्यान देना चाहिए। आप चाहें तो अपनी जरूरत के हिसाब से एक इमरजेंसी फंड तैयार करने या उसे बढ़ाने के लिए जरूरी कदम भी उठा सकते हैं।
कई तरह से कमाने पर ध्यान दें
मौजूदा परिस्थिति में एक से अधिक तरीकों से कमाना शायद पहले से कहीं अधिक जरूरी हो गया है। कोविड-19 संकट के कारण कई लोगों की नौकरी चली गई है, या जाने वाली है, या उनके वेतन में कटौती हुई है। कुछ कारोबारी लोगों की आमदनी भी इस लॉकडाउन के कारण काफी घट गई है और लॉकडाउन ख़त्म होने के बाद भी उनमें सुधार होने की गारंटी नहीं है। इसलिए, नए तरीकों से पैसे कमाने पर ध्यान देना जरूरी है। इस लॉकडाउन में आपको काफी खाली समय भी मिल रहा होगा जिसका इस्तेमाल करके आप अपने शौक को अपनी कमाई का जरिया बना सकते हैं, ऑनलाइन ट्यूशन पढ़ा सकते हैं या अपनी विशेषज्ञता के आधार पर कुछ फ्रीलैंस प्रोजेक्ट्स करके भी कुछ पैसे कमा सकते हैं। इनकम के कई साधन होने से आपको थोड़े-बहुत पैसे मिलते रहेंगे और इमरजेंसी फंड पर निर्भर रहने की सम्भावना कम रहेगी या इनकम के मुख्य साधन पर खतरा मंडराने पर जरूरी इन्वेस्टमेंट्स को निकालने से बच जाएंगे। इससे भी जरूरी बात, इससे आपको कर्ज के जाल में फंसने से बचने में भी मदद मिलेगी।
कुल मिलाकर, हमें फ़िलहाल जिस परिस्थिति का सामना करना पड़ रहा है वैसी मुश्किल परिस्थिति में शांत रहना और डरकर फैसले न लेना जरूरी है। इसके लिए फिर से अपने फाइनेंसियल हेल्थ का मूल्यांकन करना और कोविड-19 संकट के कारण आर्थिक मंदी से बेहतर ढंग से निपटने के लिए फिर से कुछ व्यावहारिक एडजस्टमेंट करना भी जरूरी है।
(इस लेख के लेखक, BankBazaar.com के CEO आदिल शेट्टी हैं)
(डिस्क्लेमर: यह जानकारी एक्सपर्ट की रिपोर्ट के आधार पर दी जा रही है। बाजार जोखिमों के अधीन होते हैं, इसलिए निवेश के पहले अपने स्तर पर सलाह लें।)
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