नई दिल्ली। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया (Rupee vs Dollar) एक बार फिर से अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है। डोमेस्टिक शेयर बाजार में कमजोरी की वजह से और ग्लोबल मार्केट में डॉलर के मजबूत होने से अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में आज अमेरिकी मुद्रा की तुलना में रुपया 22 पैसे फिसलकर 79.48 के स्तर पर बंद हुआ, जो इसका सर्वकालिक निचला स्तर है। इससे आम जनता की परेशानी बढ़ सकती है क्योंकि रुपये की गिरावट का सीधा कनेक्शन आयात होने वाली सभी वस्तुओं की कीमत से है, खासतौर पर कच्चे तेल की कीमत से।
बढ़ेगी महंगाई!
दरअसल भारतीय रुपया जितना कमजोर होगा, देश में महंगाई भी उतनी ही बढ़ेगी। ऐसा इसलिए क्योंकि डॉलर के मुकाबले रुपये के कमजोर होने से आयात महंगा हो जाएगा। परिणामस्वरूप इससे आम आदमी की जेब पर असर पड़गा।
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हालांकि, इस संदर्भ में बाजार के सूत्रों का कहना है कि ग्लोबल मार्केट में क्रूड ऑयल की कीमत में गिरावट से रुपये के नुकसान पर थोड़ा अंकुश लगा है। सोमवार को अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 79.30 के स्तर पर खुला था। कारोबार के दौरान इसने 79.24 के उच्चतम स्तर को छुआ और 79.49 रुपये के निचले स्तर को छुआ। अंत में यह पिछले बंद भाव की तुलना में 22 पैसे की गिरावट के साथ 79.48 प्रति डॉलर पर बंद हुआ।
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मजबूत हुआ डॉलर सूचकांक
डॉलर की बात करें, तो आज विश्व की छह प्रमुख मुद्राओं की तुलना में डॉलर की मजबूती को आंकने वाला डॉलर सूचकांक 0.56 फीसदी ऊपर 107.60 अंक हो गया।
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