नई दिल्ली। किसान आंदोलन के बीच आम बजट 2021-22 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेश किया। किसानों को बेसब्री से इंतजार था कि सरकार के पिटारे से उनके लिए क्या कुछ मिलने वाला है। वित्त मंत्री ने ऐलानों से पहले कहा कि सरकार किसानों के विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं और इसके साथ ही एमएसपी का जिक्र किया है। उन्होंने कहा कि एमएसपी की व्यवस्था को और बेहतक बनाने की दिशा में प्रयास किए जाए रहे हैं। उन्होंने बताया कि अन्नदाताओं के लिए सरकार ने क्या कुछ किया है और आगे क्या कुछ करने वाली है।
केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा सोमवार को पेश आम बजट 2021-22 में कृषि व संबद्ध क्षेत्र का विशेष ध्यान रखा गया है। कोरोना के संकट से देश की अर्थव्यवस्था को उबारने और आर्थिक विकास को रफ्तार देने के मकसद से केंद्र सरकार ने इस बजट में किसानों के लिए खेत से लेकर मंडी तक की व्यवस्था को मजबूत बनाने की कोशिश की है। वित्त मंत्री ने कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के लिए नौ उपाय करने का प्रस्ताव किया है। उन्होंने कहा कि बजट में नाबार्ड के अंतर्गत 5,000 करोड़ रुपये की धनराशि के साथ सूक्ष्म सिंचाई कोष को 5,000 करोड़ रुपये और बढ़ाकर इसे दोगुना करने का प्रस्ताव किया गया है।
आम बजट 2021-22 में किसानों के लिए क्या है
सीतारमण ने मछली पकड़ने और मछली उतारने वाले केंद्रों के विकास में पर्याप्त निवेश का प्रस्ताव रखा। वित्तमंत्री ने कहा कि मछली पकड़ने के 5 प्रमुख केंद्रों - कोच्चि, चेन्नई, विशाखापतनम, पारादीप, और पेटुआघाट- को आर्थिक गतिविधि केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। उन्होंने जल क्षेत्र में मछली पकड़ने के केंद्रों तथा नदी के तटों और जलक्षेत्रों में मछली उतारने के केंद्र विकसित करने का भी प्रस्ताव रखा।
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