भारतीय स्टेट बैंक (SBI) भारत में भारत का सबसे बड़ा राज्य के स्वामित्व वाला बैंक, देश में 420 मिलियन ग्राहकों के विशाल आधार को सेवा देने का दावा करता है। बड़ी संख्या में यूजर्स के कारण, बैंक नियमित रूप से अपने ग्राहकों के साथ सुरक्षा अपडेट शेयर करता है ताकि उन्हें अपने बैंक खातों और वित्तीय कल्याण के खिलाफ संभावित फिशिंग, हैकिंग या धोखाधड़ी के प्रयासों की पहचान करने में मदद मिल सके।
सभी बैंक नियमित रूप से अपने ग्राहकों को परिवर्तनों, नीतियों, खाते की बैलेंस राशि आदि से अवगत कराने के लिए टैक्स्ट मैसेज भेजते हैं। हालांकि, ऐसे कई मामले सामने आए हैं जिनमें टेक्स्ट मैसेज को छिपाने और संवेदनशील बैंक ग्राहकों को संवेदनशील जानकारी के जरिये धोखा देने के मामले सामने आए हैं।
हाल ही में, SBI ने यह पता लगाने के लिए टिप्स शेयर किए कि ग्राहकों को प्राप्त मैसेज बैंक द्वारा ही भेजे जाते हैं या नहीं। एसबीआई के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया कि किसी को भी अंदर आने देने से पहले हमेशा जांच लें कि दरवाजे के पीछे कौन है।
इसने कहा कि एसबीआई ग्राहकों को हमेशा "एसबीआई / एसबी" से शुरू होने वाले शोर्टकोड की जांच करनी चाहिए, उदाहरण के लिए SBIBNK, SBIINB, SBIPSG और SBYONO, बैंक ने आगे अपने खाताधारकों और अन्य ग्राहकों को अलर्ट किया कि अज्ञात स्रोतों के मैसेज पर कोई प्रतिक्रिया न दें।
SBI ने अपने ग्राहकों को किसी भी हैकिंग, फिशिंग, सोशल इंजीनियरिंग या स्कैम से सुरक्षित रखने के तरीके भी बताए। जानिए क्या करें क्या न करें:-
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