देश का सबसे बड़ा बैंक एसबीआई अपने ग्राहकों को काफी कम दर पर अनसिक्योर्ड लोन दे रहा है। इसे कोविड पर्सनल लोन भी कहते हैं। बैंक ने यह फैसला लेते हुए कहा कि एसबीआई ग्राहक अपने या परिवार के सदस्यों के कोरोना के इलाज के लिए क्रेडिट सुविधा चाहते हैं, वे बिना किसी सिक्योरिटी या कॉलेटरल के कोविड पर्सनल लोन ले सकते हैं। एसबीआई चेयरमैन दिनेश खारा ने कहा कि इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम (ईसीएलजीएस) के तहत कोविड के इलाज के लिए 5 लाख रुपए तक लोन ले सकता है।
हाल ही में सरकारी बैंकों ने घोषणा की है कि वे लोगों को अपने और अपने परिवार के लिए कोविड-19 इलाज का खर्च उठाने में मदद करने के लिए 5 लाख रुपए तक का असुरक्षित लोन देंगे। यह तीन नए लोन विकल्पों में से एक है जिसे बैंकों ने रविवार को वैक्सीन आपूर्तिकर्ताओं, स्वास्थ्य सुविधाओं, पैथोलॉजी प्रयोगशालाओं, निर्माताओं और ऑक्सीजन के आपूर्तिकर्ताओं, वेंटिलेटर और कोविड से संबंधित फार्मास्यूटिकल्स लॉजिस्टिक्स कंपनियों और कोविड-19 से संक्रमित लोगों की की मदद के लिए पेश किया।
इंडियन बैंक्स एसोसिएशन (आईबीए) और भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिए गए बयानों के मुताबिक वेतनभोगी, गैर-वेतनभोगी और रिटायर लोगों के कोविड-19 इलाज को कवर करने के लिए 25,000 रुपए से 5 लाख रुपए तक के असुरक्षित पर्सनल लोन के लिए आवेदन कर सकते हैं।
इस लोन की चुकौती अवधि 5 साल है, एसबीआई करीब 8 प्रतिशत की सालाना ब्याज दर वसूलता है। ईसीजीएलएस के तहत सरकारी बैंक ने ऑक्सीजन इकाइयों और पावर बैकअप सिस्टम तैयार करने, अस्पतालों और नर्सिंग होम को हेल्थ केयर बिजनेस लोन में 2 करोड़ रुपए तक का अनुदान देने का भी प्रस्ताव रखा है। इन लोन की ब्याज दर सीमा 7.5 प्रतिशत है और ईसीएलजीएस 4.0 के तहत नेशनल क्रेडिट गारंटी ट्रस्टी कंपनी लिमिटेड (एनसीजीटीसी) द्वारा समर्थित हैं, जिसे वित्तीय सेवा विभाग और भारत सरकार द्वारा घोषित किया गया था। लोन पांच साल की अवधि के लिए दिया जाएगा। बैंकों द्वारा स्वास्थ्य सेवा प्रतिष्ठानों के लिए बिजनेस लोन भी उपलब्ध कराए गए हैं।
मेट्रो शहरों में कंपनियों और हेल्थ केयर सप्लाई के निर्माताओं को जैसे कि टीके और वेंटिलेटर प्रत्येक को स्वास्थ्य सेवा सिस्टम स्थापित करने या विस्तार करने के लिए 100 करोड़ रुपए तक दिए जाएंगे। टियर 1 और शहरी क्षेत्रों के फर्मों को 20 करोड़ रुपए तक का लोन मिल सकता है, जबकि टियर II से टियर IV के तहत आने वाली कंपनियों को 10 करोड़ रुपए तक का लोन मिल सकता है। लोन 10 दस साल की अवधि के लिए है। साथ ही MSMEs की सहायता के लिए, भारत सरकार ने इसके दायरे को मजबूत करके ECLGS योजना में बदलाव की घोषणा की है। ECLGS को 30 सितंबर, 2021 तक बढ़ा दिया गया है और 31 दिसंबर, 2021 तक संवितरण की अनुमति दी गई है।
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