मुंबई : देश का सबसे बड़ा बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) अपने डिजिटल प्लेटफॉर्म YONO को अलग यूनिट बनाने के बारे में विचार कर रहा है। YONO यानी You Only Need One ऐप SBI की इंटीग्रेडेट बैंकिंग प्लेटफॉर्म है। SBI के चेयरमैन रजनीश कुमार ने सोमवार शाम एक सालाना बैंकिंग और वित्त सम्मेलन SIBOS 2020 में कहा कि हम अपने सभी पार्टनर्स के साथ YONO को अलग सब्सिडियरी बनाने पर विचार विमर्श कर रहे हैं। रजनीश ने कहा कि YONO के अलग यूनिट बन जाने के बाद SBI उसका इस्तेमाल करने वालों में एक होगा। उन्होंने कहा कि हालांकि बातचीत अभी शुरुआती दौर में है, मूल्यांकन का काम अभी लंबित है।
रजनीश ने हाल में कहा था कि YONO का मूल्यांकन 40 अरब डॉलर के आसपास हो सकता है। रजनीश ने स्पष्ट किया कि मैंने जो बयान दिया वह इस पर आधारित है कि जब मैं सभी स्टार्टअप के मूल्य पर गौर करता हूं और उसकी तुलना करता हूं तो ऐसे में निश्चित रूप से YONO का मूल्यांकन 40 अरब डॉलर से कम नहीं होना चाहिए। फिलहाल इस समय हमने इसके मूल्यांकन की कोई पहल नहीं की है, मेरा मानना है कि यह संभावना है। कुमार ने यह भी कहा कि स्टेट बैंक खुदरा भुगतान के लिए एक नई समग्र इकाई व्यवस्था के तहत अलग डिजिटल भुगतान कंपनी स्थापित करने पर भी विचार कर रहा है।
YONO को तीन साल पहले शुरू किया गया था। इसके 2.60 करोड़ रजिस्टर्ड यूजर्स हैं। इसमें रोजना 55 लाख लॉग-इन होते हैं और 4,000 से अधिक पर्सनल लोन आवंटन और 16 हजार के करीब YONO कृषि एग्री गोल्ड लोन दिए जाते हैं। RBI ने इस साल अगस्त में एक अखिल भारतीय खुदरा भुगतान यूनिट की अनुमति के लिए नियम कायदे जारी की थी। इसके लिए रिजर्व बैंक के पास आवेदन जमा कराने की अंतिम तिथि 26 फरवरी 2021 है। वर्तमान में देश में नेशनल पेमेंट्स कापोर्रेशन ऑफ इंडिया (NPCI) एकमात्र खुदरा भुगतान यूनिट है।
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