नई दिल्ली: कर्मचारी भविष्य निधि योजना के सदस्य अब अपने ईपीएफ जमा से एक और नन रिफंडेबल एडवांस प्राप्त कर सकते हैं। सरकार ने एक अधिसूचना में कहा कि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान अपने सब्सक्राइबर्स का समर्थन करने के लिए, सोमवार (31 मई, 2021) को रिटायरमेंट फंड निकाय ने अपने सदस्यों को दूसरी नन रिफंडेबल कोविड-19 एडवांस प्राप्त करने की अनुमति दी।
गौर हो कि महामारी के दौरान सदस्यों की वित्तीय आवश्यकता को पूरा करने के लिए स्पेशनल निकासी का प्रावधान मार्च 2020 में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाई) के तहत शुरू किया गया था। अधिसूचना में उल्लेख किया गया है कि इस आशय का एक संशोधन कर्मचारी भविष्य निधि योजना में श्रम और रोजगार मंत्रालय द्वारा किया गया था, जिसमें पैरा 68L के तहत उप-पैरा (3) को आधिकारिक राजपत्र में अधिसूचना के माध्यम से सम्मिलित किया गया था।
इस प्रावधान के तहत, तीन महीने के लिए मूल वेतन और महंगाई भत्ते की सीमा तक नन रिफंडेबल निकासी या ईपीएफ खाते में सदस्य के जमा राशि का 75% तक, जो भी कम हो, प्रदान किया जाता है। सदस्य कम राशि के लिए भी आवेदन कर सकते हैं।
महामारी के दौरान ईपीएफ सदस्यों के लिए कोविड-19 अग्रिम एक बड़ी मदद रही है, खासकर उन लोगों के लिए जिनका मासिक वेतन 15000 रुपए से कम है। अब तक, ईपीएफओ ने 76.31 लाख से अधिक कोविड-19 अग्रिम क्लैम का निपटान किया है, जिससे कुल 18,698.15 करोड़ रुपए का वितरण हुआ है।
कोविड -19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान, 'म्यूकोर्मिकोसिस' या ब्लैक फंगस को हाल ही में महामारी घोषित किया गया है। ऐसे कठिन समय में, ईपीएफओ अपने सदस्यों की वित्तीय जरुरतों को पूरा करके उनकी मदद करने का प्रयास कर रहा है। जिन सदस्यों ने पहले कोविड-19 अग्रिम का लाभ उठाया है, वे अब दूसरे एडवांस का विकल्प भी चुन सकते हैं। दूसरे कोविड-19 एडवांस को वापस लेने का प्रावधान और प्रक्रिया वही है जो पहले एडवांस के मामले में थी।
अधिसूचना में आगे कहा गया है कि इन मुश्किल समय में वित्तीय सहायता के लिए सदस्यों की तत्काल आवश्यकता को देखते हुए कोविड-19 क्लैम को सर्वोच्च प्राथमिकता देने का फैसला लिया गया है। ईपीएफओ इन क्लैम को उनकी प्राप्ति के तीन दिनों के भीतर निपटाने के लिए प्रतिबद्ध है।
ईपीएफओ ने ऐसे सभी सदस्यों के संबंध में एक सिस्टम संचालित ऑटो क्लैम सेटेलमेंट प्रोसेस शुरू किया है, जिनकी केवाईसी आवश्यकताएं हर तरह से पूर्ण हैं। निपटान का ऑटो-मोड ईपीएफओ को 20 दिनों के भीतर क्लैम को निपटाने के लिए वैधानिक आवश्यकता के मुकाबले क्लैम निपटान चक्र को केवल 3 दिनों तक कम करने में सक्षम बनाता है।
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