आज के दौर में एसआईपी म्यूचल फंड निवेश का ही दूसरा नाम बन गए हैं। एक गहरी सोच बन चुकी है कि एसआईपी ही एकमात्र तरीका है जिससे म्यूचल फंड में निवेश किया जा सकता है, या कम से कम ऐसा माना जाने लगा है कि यही एकमात्र सुरक्षित तरीका है लेकिन, ऐसा हमेशा सच नहीं होता है! म्यूचल फंड्स में कई तरीके से निवेश किया जा सकता है जिसमें विभिन्न प्रकार की एस्सेट क्लासेज, टैक्स लाभ, भिन्न-भिन्न प्रकार के रिटर्न और उनसे जुड़े हुए जोखिम शामिल हैं। निवेश स्टाइल के संबंध में, इसमें आप एकमुश्त या सिस्टेमैटिक निवेश प्लान (एसआईपी) के जरिए निवेश कर सकते हैं। क्योंकि एसआईपी से लंबे समय में रुपए के संबंध में एवरेजिंग प्राप्त होती है, इसलिए ऐसे निवेशक जो लंबे समय में धीरे-धीरे वैल्थ क्रिएट करना चाहते हैं, वे एकमुश्त निवेश की बजाए एसआईपी को अधिक पसंद करते हैं। लेकिन, वास्तव में, एसआईपी हर म्यूचल फंड निवेश के लिए निवेश विकल्प नहीं होना चाहिए, और ऐसी स्थितियां भी हैं जब एसआईपी के जरिए निवेश करना वास्तव में हानिकारक साबित हो सकता है। यहां पर उन कुछ स्थितियों के बारे में बताया गया है जिनके बारे में आपको सजग रहना चाहिए जब एसआईपी के जरिए निवेश करने की सोचते हैं।
एसआईपी के जरिए निवेश करने का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य अल्पकाल में जारी उतार-चढ़ाव जोखिम को कम करना है। एसआईपी के मायने दीर्घकालिक निवेश होता है, ताकि अल्प-अवधि में मार्केट में होने वाले उतार-चढ़ाव का ध्यान रखा जा सके। जब आपके दीर्घकालिक निवेश में बढ़ोतरी होती है और आप अपने वित्तीय लक्ष्य को प्राप्त करने के नजदीक होते हैं, तो उस समय जोखिम को कम करना और हानि से बचने के लिए कुल पूंजी को कम उतार-चढ़ाव भरे इंस्ट्रुमेंट में लगाना महत्वपूर्ण हो जाता है। यहां तक कि मार्केट में तेजी है, तब भी लोभ से बचना ही उचित रहता है और अपने निवेश को कम जोखिम वाले प्रोडक्ट में शिफ्ट कर देना चाहिए। अपनी कुल पूंजी की सुरक्षा करना आपके लिए मुख्य फोकस का विषय होना चाहिए जब आप अपने वित्तीय लक्ष्यों को हासिल करने के करीब होते हैं।
एसआईपी उस समय बेहतर काम करते हैं जब आप अपनी नियमित मासिक आय का एक हिस्सा निवेश करते हैं। लेकिन, यदि आपके पास बड़ी एकमुश्त राशि होती है, तो उस समय हर महीने एसआईपी के जरिए छोटी राशि का निवेश करना और बड़ी राशि को अपने पास रखना कोई अच्छी सोच नहीं मानी जाती है। उदाहरण के लिए, यदि आपके 10 लाख रूपये हैं और आप एसआईपी के जरिए ईक्विटी फंड में हर महीने 5000/- रूपये निवेश करने के बारे में सोचते हैं, तो आप अपनी कुल पूंजी के एक बड़े हिस्से पर रिटर्न प्राप्त नहीं कर पाएंगे। इसकी बजाए, यदि आप क्रमवार अर्थात 20 महीनों के लिए 50,000/- महीना, अपनी पूरे फंड का निवेश करने की योजना बनाते हैं, तो इससे आपको बेहतर परिणाम मिल सकते हैं। दूसरा तरीका है कि आप अपने पूरे फंड को निम्न-जोखिम म्यूचल फंड निवेश प्रोडक्ट में लगा दें ताकि आपको आकर्षक रिटर्न मिल सके और धीरे-धीरे आप पैसे को दूसरे फंड में शिफ्ट कर सकते हैं जिसमें दीर्घकाल में उच्चतर रिटर्न देने की संभाव्यता होती है।
जब आप म्यूचल फंड में निवेश करते हैं, तो यह महत्वपूर्ण होता है कि आप अपने पोर्टफोलियो की पर्फार्मेंस को ट्रैक करें। कभी कभी, आपको पोर्टफोलियो में कुछ स्कीमें आपकी उम्मीदों के मुताबिक परफार्म नहीं करती हैं। यदि आप लॉस-मेकिंग म्यूचल फंड में निवेश करना जारी रखते हैं, और साथ ही जिसमें रिकवरी की संभावना भी नहीं है, तो आपको और भी अधिक हानि हो सकती है और आपको लॉस-मेकिंग एसआईपी निवेश को तत्काल रोक देना चाहिए और अपने निवेश को बेहतर स्कीम में शिफ्ट कर देना चाहिए। समय-समय पर अपने निवेश पोर्टफोलियो की समीक्षा करना महत्वपूर्ण होता है और यदि आपने खराब निवेश चुना है तो आपको उसमें सुधार करने के लिए कदम उठाने चाहिए। यदि आपको लगता है कि आपका फंड आपकी उम्मीद के मुताबिक परफार्म नहीं कर रहा है, तो तय करें कि आप कोई भी फैसला लेने से पहले 3-6 महीने तक निगरानी करें। ऐसा विशेष रूप से उस समय महत्वपूर्ण होता है जब मार्केट में उतार-चढ़ाव हो रहा हो। यदि आपको संतुष्टि नहीं होती है, तो निवेश से कब बाहर निकलना है, इसके बारे में सुनियोजित रूप से फैसला करें।
हमेशा इस बात को ध्यान में रखें कि एसआईपी से आपको जोखिम कम करने में सहायता मिल सकती है, बशर्ते कि आपने सही फंड को चुना है। एसआईपी में निवेश करने से पहले आपको इस बात को ध्यान में रख लेना चाहिए कि इसकी अपनी कुछ सीमाएं होती हैं। इनका फायदा दीर्घकाल में मिलता है और अल्प अवधि में इनसे आपको बेहतर रिटर्न नहीं मिल सकता है। आप निवेश करके एसआईपी को भूल नहीं सकते हैं। हालांकि आपको अक्सर इनको देखने की आवश्यकता नहीं होती है, फिर आपको अपने निवेश को ट्रैक करना होगा और उसकी अपडेटेड जानकारी रखनी होगी। थोड़ी सी समझदारी से एसआईपी निवेश का बहुत ही शानदार साधन हो सकते हैं। लेकिन बस इतना तय कर लें कि आपके लिए यही एकमात्र तरीका नहीं है।
(इस लेख के लेखक, BankBazaar.com के CEO आदिल शेट्टी हैं)
(डिस्क्लेमर: ये लेख सिर्फ जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसको निवेश से जुड़ी, वित्तीय या दूसरी सलाह न माना जाए)
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