स्टेट बैंक ने अपने ग्राहकों को दिया लाभ, 3 महीने नहीं देनी होगी EMI, लोन भी किया सस्ता, देखें कितना हुआ फायदा

बिजनेस
रवि वैश्य
Updated Mar 27, 2020 | 23:49 IST

आरबीआई ने शुक्रवार को रेपो दर में 75 बेसिस अंक की कमी की घोषणा की। यह एक ऐसा कदम था जिससे घर और कार लोन लेने वाले लोगों के ईएमआई बोझ को कम करेगा जिसका फायदा स्टेट बैंक ने ग्राहकों को दे दिया। 

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स्टेट बैंक  ने शुक्रवार को ही घोषणा कर दी कि सभी टर्म लोन की अगले तीन महीने की ईएमआई को तीन महीने के लिए टाला जा रहा है 

नई दिल्ली:  रिजर्व बैंक के रेपो दर में कटौती करने के कुछ ही घंटे बाद देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने कहा है कि उसने रेपो दर में 0.75 प्रतिशत कटौती का पूरा लाभ अपने ग्राहकों को पहुंचाने का फैसला किया है। उसकी नई ब्याज दर एक अप्रैल 2020 से प्रभावी होगी।

रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को घोषित मौद्रिक नीति समीक्षा में सभी तरह के बकाया कर्ज की किस्त भुगतान पर तीन माह के लिये रोक लगाने की अपनी तरफ से सहमति दे दी है। बैंक ने कहा है कि एक मार्च 2020 के बकाया पर अगले तीन माह के लिये कर्ज वापसी किस्त पर रोक लागू की जा सकती है।

यह सुझाव सभी वाणिज्यिक बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, लघु वित्त बैंकों और स्थानीय क्षेत्र बैंकों, सहकारी बैंकों और अखिल भारतीय संस्थानों, गैर- बैंकिंग वित्तीय कंपनियों, आवास वित्त कंपनियों सभी के लिये दिया गया है।

SBI ने तुरंत ही तीन महीने की ईएमआई की राहत दी
स्टेट बैंक ने इसके साथ ही खुदरा और एकमुश्त बड़ी जमा राशि पर भी ब्याज दर में 0.20 से लेकर एक प्रतिशत तक की कटौती की है। लॉकडाउन की वजह से आने वाली आर्थिक चुनौती से लड़ने में लोगों को मदद के लिए SBI ने तीन महीने की ईएमआई की राहत दे दी है।

स्टेट बैंक ने शुक्रवार को ही घोषणा कर दी कि सभी टर्म लोन की अगले तीन महीने की ईएमआई को तीन महीने के लिए टाला जा रहा है। 

इस पर एसबीआई ने कहा है कि तीन माह तक कर्ज की किस्त वसूली नहीं होने पर उसका करीब 60,000 करोड़ रुपये का प्राप्ति आगे के लिये टल जायेगी। स्टेट बैंक के चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा, 'हमारा सावधिक कर्ज का आंकड़ा काफी बड़ा है। इस कर्ज पर हर साल करीब दो से ढाई लाख करोड़ रुपये की वापसी होती है। इस प्रकार तीन महीने का आंकड़ा 50,000 से 60,000 करोड़ रुपये के आसपास होगा।'

एसबीआई ने कहा है कि अर्थव्यवस्था को व्यापक रूप से समर्थन देने के लिये रिजर्व बैंक द्वारा किये गये असाधरण मौद्रिक नीति उपायों का समर्थन करते हुये बैंक ने बाहरी मानक दर से जुड़ी कर्ज दर और रेपो दर से जुड़ी कर्ज दर  के तहत कर्ज लेने वाले ग्राहकों को रेपो दर में 0.75 प्रतिशत की कटौती का पूरा लाभ देने का फैसला किया है।

बाहरी मानक दर से जुड़ी कर्ज दर को 7.80 प्रतिशत से घटाकर 7.05 प्रतिशत वार्षिक कर दिया गया है जबकि आरएलएलआर को 7.40 प्रतिशत से घटाकर 6.65 प्रतिशत पर ला दिया गया है।

आपकी EMI में आएगी इतने रुपयों को कमी
एसबीआई ने यह भी कहा है कि ईबीआर और आरएलएलआर से जुड़े 30 साल के कर्ज पर दर घटने के बाद समान मासिक किस्त (EMR) में प्रत्येक एक लाख रुपये पर 52 रुपये की कमी आयेगी। बैंक ने कहा है कि सीमांत लागत आधारित कर्ज दर (MCLR) में किसी तरह के बदलाव के बारे में बैंक की संपत्ति देनदारी समिति (अल्को) की अगले महीने वाली बैठक में निर्णय लिया जायेगा।

रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को घोषित 7वी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर रेपो में 0.75 प्रतिशत की कटौती कर दी। यह पिछले 15 साल में सबसे बड़ी कटौती है। रेपो दर को 5.15 प्रतिशत से घटाकर 4.40 प्रतिशत कर दिया गया।

रजनीश कुमार ने कहा, 'इससे पहले ऐसी स्थिति कभी नहीं देखी गई। मैंने इससे पहले 21 दिन तक देशभर में तमाम गतिविधियों पर रोक वाली स्थिति नहीं देखी है। यह स्वाभाविक है जब हम ऐसी अजीब स्थिति में हैं तो इसकी प्रतिक्रिया भी असाधारण और परंपरा से हटकर ही होगी।'

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