नई दिल्ली। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बड़ा फैसला लिया। उच्चतम न्यायालय ने टाटा संस (Tata Sons) के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष सायरस मिस्त्री (Cyrus Mistry) और टाटा ग्रुप (Tata Group) के बीच जारी विवाद में एक फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को पुनर्विचार करने से इनकार कर दिया है।
मिस्त्री ने अप्रैल 2021 में की थी अपील
सायरस मिस्त्री ने पिछले साल अप्रैल में सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। मिस्त्री ने टाटा संस के कार्यकारी अध्यक्ष पद से हटाए जाने के खिलाफ याचिका दायर की थी। उससे पहले उच्चतम न्यायालय ने मार्च 2021 में टाटा ग्रुप के निर्णय को सही ठहराया था और उसके पक्ष में फैसला सुनाया था।
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दिसंबर 2019 में एनसीएलएटी ने लिया था फैसला
दरअसल दिसंबर 2019 में राष्ट्रीय कंपनी विधि अपील अधिकरण (NCLAT) ने टाटा बोर्ड की एक बैठक की कार्रवाई को अवैध ठहराया था। यह बैठक 24 अक्टूबर 2016 को हुई थी। इस बोर्ड मीटिंग में ही सायरस मिस्त्री को पद से हटाने का निर्णय लिया गया था।
क्या है पूरा मामला?
इसके बाद उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रीय कंपनी विधि अपील अधिकरण के इस आादेश को रद्द कर दिया था और कहा था कि सायरस मिस्त्री को पद से हटाने की प्रक्रिया पूरी तरह सही थी। सायरस इन्वेस्टमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड और स्टर्लिंग इन्वेस्टमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड ने सुप्रीम कोर्ट से इस फैसले का दोबारा विचार करने की गुहार लगाते हुए याचिका दायर की थी । इस साल फरवरी में सुप्रीम कोर्ट ने सायरस इन्वेस्टमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड और स्टर्लिंग इन्वेस्टमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड की पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई करने पर अपनी सहमति जताई थी।
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