नया वर्ष 2022 बस अब आने को ही है और हम सभी अपने-अपने वित्तीय संकल्पों पर अपना ध्यान केन्द्रित कर रहे हैं। अपने पर्सनल फाइनेंस लक्ष्यों को तय करने का यह सही समय है, जिसमें उन्हें एक-एक करके प्राप्त करने की योजना शामिल है। अक्सर लोग जरूरत से ज्यादा खर्च करने और अपने बजट को नजरअंदाज करने का रूझान रखते हैं जिससे उनके वित्तीय लक्ष्य और भी अधिक कठिन हो जाते हैं। बजट तय करने और अपने पर्सनल फाइनेंस संकल्पों के साथ जुड़े रहने से आपको अपने पैसे को कंट्रोल करने और गलतियों से बचने में मदद मिलती है जिनकी वजह से आपकी वित्तीय प्रगति में रूकावटें पैदा हो सकती हैं। अगर आप अभी भी फैसला नहीं कर पा रहे हैं और 2022 के नए वर्ष के दौरान अपने फाइनेंस में सुधार करने के तरीके खोज रहे हैं, तो यहां पर कुछ महत्वपूर्ण संकल्पों के बारे में की गई जिन्हें अपना कर आप अपने आप को वित्तीय रूप से प्रसन्न और स्वस्थ रख सकते हैं।
आपके पास इमरजेंसी फंड्स या बचत के रूप में पर्याप्त धनराशि होनी चाहिए ताकि आप 3-6 महीनों तक अपने जीवन यापन के खर्चों की देखभाल कर सकें, यदि आपकी नौकरी चली जाती है, स्वास्थ्य संबंधी इमरजेंसी पैदा हो जाती है या कोई ऐसी घटना होती है जिससे अचानक ही आपकी मासिक आय बंद हो जाती है या आप पर अतिरिक्त वित्तीय भार आ जाता है। अपने मौजूदा खर्चों और भावी जोखिमों को ध्यान में रखते हुए 3-6 महीने के लिए फंड्स को अलग रखना एक अच्छी बात मानी जाती है। यह आपके कुल मिलाकर पर्सनल वित्तीय प्लानिंग में एक महत्वपूर्ण कदम है। मौजूदा दौर में, यह बात और भी अधिक मायने रखती है क्योंकि कोविड-19 महामारी के, स्वास्थ्य और रोजगार से जुड़े दोनों ही जोखिम हैं। इसलिए, आपको किसी अचानक पैदा होने वाली स्थिति का सामना करने के लिए वित्तीय रूप से तैयार रहना चाहिए।
मौजूदा समय में, पूरी दुनिया में हर किसी द्वारा हर रोज़ उच्च जोखिम हैल्थ इमरजेंसी स्थिति का सामना किया जा रहा है। इस समय स्वास्थ्य बीमा न होना, सबसे बड़ी गलती साबित हो सकती है। भारत में स्वास्थ्य देखभाल मंहगी है क्योंकि अस्पताल की लागत लाखों में हो सकती है और रोग तथा चिकित्सा देखभाल पर निर्भर करते हुए यह लागत करोड़ों में भी हो सकती है। ऐसे अनेक उदाहरण देखने को मिल सकते हैं जहां पर मेडिकल बिलों की वजह से किसी व्यक्ति की वित्तीय स्थिरता पूरी तरह से बर्बाद हो जाती है और उनके बजट को नुकसान पहुंचता है। क्योंकि स्वास्थ्य से जुड़ी अनिश्चितताएं हमारी रोजमर्रा का हिस्सा ही हैं, इसलिए इमरजेंसी मेडिकल लागतों को कवर करने के लिए स्वास्थ्य बीमा की उपेक्षा नहीं कर सकते हैं।
आपकी वित्तीय प्लानिंग में टर्म इंश्योरेंस या जीवन बीमा एक अन्य महत्वपूर्ण हिस्सा है। हम सभी जानते हैं कि अचानक होने वाली मौत की स्थिति में अपने परिवार को सुरक्षित रखना और वित्तीय संकट से उन्हें बचाना कितना मायने रखता है। एक अच्छी जीवन बीमा या टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी से, आपके न रहने की स्थिति में आपके परिवार के सदस्यों के लिए पर्याप्त फंड्स का सहारा मिल जाता है। इससे वे अपनी तत्काल वित्तीय जरुरतों को पूरा कर सकते हैं और घर पर वित्तीय संकट से बचने के लिए आपके लंबित बिलों का भुगतान कर सकते हैं।
आप फंड्स की अपनी जरुरतों के मुताबिक बीमा प्लान चुन सकते हैं, वह प्रीमियम जिसे आप अफार्ड कर सकते हैं और अवधि को तय कर सकते हैं और यह सब कुछ आपकी आय और भावी जरुरतों पर निर्भर करता है। आपकी असयम मृत्यु के मामले में, अपने परिवार की वित्तीय स्थिरता और सुरक्षा प्रदान करने के लिए टर्म प्लान में निवेश करने की सलाह दी जाती है।
सही वित्तीय प्रेक्टिस को अपनाना बहुत जरूरी है और अपने क्रेडिट स्कोर की निगरानी रखना उनमें से एक है। आप चाहे घर खरीद रहे हों, कार या फिर अपने बच्चे की शादी करने जा रहे हों या शिक्षा के लिए उसे बाहर भेज रहे हों, आपके क्रेडिट स्कोर की वित्तीय संस्थानों से फंड्स प्राप्त करने में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका होती है। अपने क्रेडिट स्कोर को अच्छा बनाए रखना न केवल बहुत जरूरी है बल्कि उसका नियमित रूप से ट्रैक करना भी उतना ही मायने रखता है। आपको अपनी क्रेडिट रिपोर्ट की मासिक जांच करनी चाहिए जिसमें भुगतान, लोन और अन्य कर्जों की जानकारी होती है।
अपने क्रेडिट स्कोर की नियमित जांच से आपको अपने वित्तीय स्वास्थ्य की नवीनतम जानकारी मिलती रहती है। इससे आपको अपने क्रेडिट स्कोर में सुधार करने और ऐसी गलतियों से बचने में मदद मिलती है जिनका नेगेटिव प्रभाव पड़ता है। इसके अलावा, आप भुगतान में किसी गलती का पता लगा सकते हैं और इसे क्रेडिट ब्यूरो को सूचित कर सकते हैं, और यदि आप नियमित रूप से अपने क्रेडिट स्कोर की जांच नहीं करते, तो ऐसा करना संभव नहीं हो पाएगा।
स्वस्थ वित्तीय जीवनशैली का रहस्य अपने कर्जों की नियमित रूप से रिपेमेंट करने में छिपा है। बेहतर क्रेडिट स्कोर के लिए, सबसे जरूरी बात यह है कि आप अपने कर्जों का नियमित तौर पर और समय पर भुगतान करते हैं। जरूरत से ज्यादा खर्च करने की गलतियों से बचें और उतना ही उधार लें जिसका आप भुगतान कर सकते हैं और वित्तीय संकट में न पड़ें।
अपनी वरीयताओं और कोई ऐसी बात जिसे आप टाल सकते हैं, के बीच में सही संतुलन कायम करें। केवल उतना ही खर्च करें जिसका आप महीने के अंत में आसानी से भुगतान कर सकते हैं। अपनी देय राशि /कर्ज के भुगतान में देरी /चूक से आपको भारी ब्याज का भुगतान करना पड़ सकता है और आपको उम्मीद से अधिक भुगतान करना पड़ सकता है। इससे आपका बजट और कुल मिलाकर वित्तीय प्लानिंग में भी गड़बड़ हो सकती है।
समय पर आपके कर्जों के भुगतान से आपके उधारदाता खुश रहते हैं और आपको अपने लक्ष्यों को पूरा करने में फंड्स उधार लेने में सहायता मिलती है। इससे आपको उच्च ब्याज का भुगतान भी नहीं करना पड़ता है और आपके पास निवेश करने या अपनी ज़रूरत की चीजों को खरीदने के लिए पर्याप्त पैसा भी रह जाता है।
(इस लेख के लेखक, BankBazaar.com के CEO आदिल शेट्टी हैं)
(डिस्क्लेमर: ये लेख सिर्फ जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसको निवेश से जुड़ी, वित्तीय या दूसरी सलाह न माना जाए)
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