मुंबई : तनिष्क के जिस विज्ञापन को वापस ले लिया गया है, उसके निर्माता ने मंगलवार को कहा कि विज्ञापन को बड़ी संख्या में लोगों ने देखा और इस विवाद से एक ऐसा ‘रुझान’ पैदा हुआ, जहां कई लोग अपनी राय जाहिर करने के लिए तनिष्क के उत्पाद खरीद रहे हैं। इस विज्ञापन अभियान को तैयार करने वाली एजेंसी ‘व्हाट्स योर प्रॉब्लम’ के मैनेजिंग पार्टनर और क्रिएटिव हेड अमित अकाली के मुताबिक विज्ञापन में वास्तविकता दिखाई गई है, और विवाद के बाद बड़ी संख्या में लोगों ने विरोध करने वालों के खिलाफ बोलना शुरू कर दिया है।
उन्होंने कहा कि किसी ने भी ऐसी प्रतिक्रिया की उम्मीद नहीं की होगी, क्योंकि ‘सांप्रदायिक सद्भाव हमारे तानेबाने का केंद्र है।’ उन्होंने विज्ञापन वापस लेने के संबंध में तनिष्क को एक बहादुर कंपनी करार दिया, जिसने किसी विवाद की आशंका में कर्मचारियों की सुरक्षा पर ध्यान दिया।
गौरतलब है कि टाटा समूह ने 55 सेकंड के तनिष्क विज्ञापन को वापस लेने का फैसला किया, जिसमें एक मुस्लिम सास को अपनी गर्भवती हिंदू बहू रखते हुए दिखाया गया है। सोशल मीडिया पर कुछ समूहों ने इस विज्ञापन पर नाराजगी जताई।
अकाली ने कहा कि लोग बाहर आ रहे हैं और हमसे कह रहे हैं कि हम इस फिल्म (विज्ञापन) को खत्म नहीं होने देंगे। वे फिल्म को अपने दम पर शेयर कर रहे हैं, भले ही इसे हटा दिया गया है। ऐसा रुझान भी है, जहां लोग तनिष्क को खरीद रहे हैं और हमें बिल दिखा रहे हैं। विज्ञापन वापस लिए जाने के बावजूद कई लोग इसके समर्थन में आए और ऑनलाइन ट्रोल के खिलाफ अपनी नाराजगी जताई।
उन्होंने कहा कि हम उस स्तर पर हैं, जहां बहुमत बोल रहा है और यहीं से तनिष्क के लिए प्यार आ रहा है। उन्होंने कहा कि ज्यादातर लोग चुप रहना पसंद करते हैं, लेकिन एक छोटा मुखर वर्ग है, जो बोलता रहता है।
अकाली ने स्पष्ट किया कि इस विज्ञापन के पीछे सिर्फ सांस्कृतिक वास्तविकताओं को दिखाने का मकसद था, और ये बिल्कुल भी राजनीतिक नहीं था। साथ ही उन्होंने कहा कि तनिष्क का ‘एकत्वम’ या एकता अभियान जारी रहेगा।
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