किसानों की आय होगी दोगुनी! 15 लाख करोड़ रुपए दिए जाएंगे कृषि लोन

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Updated Feb 15, 2020 | 16:26 IST

Kisan income : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने के लिए सरकार कृषि क्षेत्र के लिए लोन वितरण का लक्ष्य 11% बढ़ा दिया है।

Finance Minister Nirmala Sitharaman
किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार ने उठाए कदम  |  तस्वीर साभार: PTI

नई दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि सरकार बैंकों द्वारा कृषि क्षेत्र को दिए जा रहे लोन की स्थिति पर बराबर नजर रखे हुए है। उन्होंने उम्मीद जतायी कि अगले वित्त वर्ष में कृषि क्षेत्र के लिए 15 लाख करोड़ रुपए के लोन का लक्ष्य प्राप्त कर लिया जाएगा। सरकार ने 2020-21 के आम बजट में कृषि क्षेत्र के लिए लोन वितरण का लक्ष्य 11 प्रतिशत बढ़ाकर 15 लाख करोड़ रुपए रखा है। बजट में कृषि और संबंधित क्षेत्रों की विविध योजनाओं के लिए 1.6 लाख करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है। सरकार ने 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। वह यहां भारतीय रिजर्व बैंक के निदेशक मंडल की बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रही थीं।

बढ़ायी गई लोन सीमा 
सीतारमण ने कहा कि लोन सीमा बढ़ा दी गयी है। मुझे पूरा भरोसा है कि यह स्थानीय जरूरतों के हिसाब से तय की गयी है। हमें मांग में वृद्धि की उम्मीद है और इसे पूरा करने के लिए लोन की जरुरत भी बढ़ेगी। मैं वास्तव में बैंकों की निगरानी कर रही हूं और खासकर ग्रामीण क्षेत्र के लिए लोन सुविधाओं के विस्तार पर मेरी बारीक नजर है। मुझे उम्मीद है कि हम इसे (लक्ष्य को) हासिल कर लेंगे।

कृषि क्षेत्र के लिए लोन वितरण
चालू वित्त वर्ष में कृषि क्षेत्र के लिए 13.5 लाख करोड़ रुपए के लोन वितरण का लक्ष्य रखा गया है। सामान्यत: कृषि लोन पर बैंक नौ प्रतिशत का वार्षिक ब्याज रखते हैं लेकिन सरकार इस पर दो प्रतिशत की ब्याज सहायता किसानों को देती है। यह सहायता तीन लाख रुपए तक के लघु अवधि के ऋणों पर दी जाती है। इस तरह कृषि ऋण पर प्रभावी ब्याज दर सात प्रतिशत वार्षिक बनती है।

सरकारी बैंकों के एकीकरण पर बोलीं वित्त मंत्री
बड़े पैमाने पर सरकारी बैंकों के एकीकरण के प्रस्ताव से जुड़े सवाल पर वित्त मंत्री ने कहा कि रिजर्व बैंक के निदेशक मंडल की बैठक में शनिवार को इस विषय पर कोई चर्चा नहीं हुई है। साथ में उन्होंने यह भी कहा कि इस मुद्दे पर पीछे हटने का कोई कारण नहीं है। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि इससे पीछे हटने का कोई कारण है और ना ही ऐसी कोई वजह है जिसके चलते किसी अधिसूचना में कोई देर हो। जब भी कोई बात होगी, उसकी जानकारी आप तक पहुंच जाएगी।

10 अलग-अलग सरकारी बैंकों का आपस में विलय
पिछले साल अगस्त में सरकार ने 10 अलग-अलग सरकारी बैंकों का आपस में विलय करके चार बड़े बैंक बनाने का निर्णय किया था। इसके तहत यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया और ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स को पंजाब नेशनल बैंक में मिलाया जाना है। इसके अलावा सिंडिकेट बैंक को केनरा बैंक के साथ, इलाहाबाद बैंक को इंडियन बैंक के साथ और आंध्रा बैंक एवं कॉरपोरेशन बैंक को यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के साथ मिलाया जाना है।

2019, 2017 में भी हुआ कई बैंकों विलय
इससे पहले अप्रैल 2019 में सरकार बैंक ऑफ बड़ौदा में विजया बैंक और देना बैंक का विलय कर चुकी है। वहीं अप्रैल 2017 में भारतीय स्टेट बैंक में उसके पांच सहयोगी बैंक : स्टेट बैंक ऑफ पटियाला, स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर, स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद और भारतीय महिला बैंक का विलय कर दिया गया था।

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