TCS ने लिया बड़ा फैसला, वर्ष 2025 तक 75% कर्मचारी करेंगे वर्क फ्रॉम होम

TCS work from home Plan : कोरोना वायरस महामारी ने वर्क कल्चर को ही बदल दिया है। अब TCS के 4.48 लाख कर्मचारी वर्ष 2025 तक वर्क फ्रॉम होम करेंगे।

Tata Consultancy Services (TCS) 75% employees to work from home by 2025
वर्क फ्रॉम होम को लेकर टीसीएस ने बड़ा फैसला लिया है  |  तस्वीर साभार: Getty

नई दिल्ली: कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus pandemic) ने कंपनियों को अपने कर्मचारियों से 'वर्क फ्रॉम होम' काम कराने के लिए मजबूर कर दिया है। जहां कुछ कंपनियों को वर्क फ्रॉम होम (work from home) मॉडल भा रहा है। वहीं दूसरी कंपनियां इसे लागू करने के बारे में विचार कर रही हैं। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) के 20 प्रतिशत कर्मचारी पहले से ही वर्क फ्रॉम होम कर रहे थे। अब लॉकडाउन की वजह से 90 प्रतिशत कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम करने के लिए कह दिया गया है। कंपनी ने अब ग्लोबल स्तर अपने 75 प्रतिशत या 4.48 लाख (भारत में 3.5 लाख समेत) वर्क फोर्स को वर्ष 2025 तक स्थाई तौर पर वर्क फ्रॉम होम कराने की योजना बनाई है। ध्यान दें कि 46 देशों में टीसीएस के 448,000 से अधिक कंसल्टेंट हैं।

 नया मॉडल  25/25 
टीसीएस ऑपरेटिंग ऑफिसर एनजी सुब्रमण्यम के हवाले से बिजनेस टुडे ने लिखा कि हमें नहीं मानते कि 100% प्रोडक्टिविटी होने के लिए हमें अपनी सुविधाओं में 25% से अधिक कार्यबल की आवश्यकता है। कथित तौर पर 25/25 के नए मॉडल को वर्तमान की तुलना में कम ऑफिस स्पेश की आवश्यकता होगी। सुब्रमण्यम ने प्रकाशन को आगे बताया कि नए मॉडल के तहत, प्रत्येक कर्मचारी अपने कार्य समय का केवल 25 प्रतिशत कार्यालय में बिताएगा। सभी टीम सदस्यों में से 75 प्रतिशत प्रोजेक्ट टीम को सिंगल लोकेशन पर रहना होगा।

ग्लोबल स्तर पर होगा लागू
इस मॉडल के बारे में एक हालिया स्पष्टीकरण में कंपनी ने कहा कि 3.5 लाख भारत का आंकड़ा है, लेकिन यह ग्लोबल आंकड़े का प्रतिनिधित्व नहीं करता है, और टीसीएस इस परिवर्तन को ग्लोबल स्तर पर लाने का लक्ष्य बना रहा है। यह संख्या 4.48 लाख है। यह ना एक मॉडल है जो महामारी की वजह से टीसीएस के लिए लागू किया जाएगा, टीसीएस 2025 तक इसे जारी रखना चाहता है।

वर्क फ्रॉम होम मॉडल से प्रोडक्टिविटी बढ़ी
टीसीएस ने अपने वर्कफोर्स के 90% काम को वर्क फ्रॉम होम के माध्यम से शुरू किया है। इस ऑपरेटिंग मॉडल को सेक्योर बॉडरलेस वर्क स्पेस  (SBWS) कहा जाता है। कर्मचारियों को लिखे एक पत्र में टीसीएस के सीईओ और एमडी राजेश गोपीनाथन ने कहा कि हम और मजबूत हुए हैं और हमारा मॉडल पहले से कहीं अधिक बेहतर साबित हुआ है। गोपीनाथन ने कर्मचारियों को आगे बताया कि SBWS ने दुनिया भर में 35,000 मीटिंग, 406,000 कॉल और 340 लाख मैसेज देखे। गौर हो कि कंसल्टेंसी दिग्गज ने पिछले कुछ वर्षों में SBWS बनाने में निवेश किया है।

लॉकडाउन हटने के बाद भी जारी रहेगा वर्क फ्रॉम होम
इस बीच, आईटी उद्योग के दिग्गज सेनापति (क्रिस) गोपालकृष्णन ने हाल ही में पीटीआई को बताया कि कोरोनो वायरस लॉकडाउन हटा लिए जाने के बाद भी एक लाख से अधिक इनफॉर्मेशन टैक्नोलॉजी सेक्टर के कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम जारी रखने की उम्मीद है। भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) के पूर्व अध्यक्ष ने एजेंसी को बताया कि आईटी सर्विस इंडस्ट्री ने इस अवधि के दौरान वर्क फ्रॉम होम करने वाले लोगों को सफलतापूर्वक मैनेज किया है।


 

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