नई दिल्ली : एयर इंडिया को लेकर शुक्रवार को केंद्र सरकार की ओर से बड़ा ऐलान किया गया। टाटा संन्स ने इसकी बोली जीत ली। टाटा ग्रुप की ओर से Air India के लिए 18,000 करोड़ रुपये की बोली लगई गई। नागर विमानन मंत्रालय के सचिव राजीव बंसल और सरकार के विनिवेश कार्यक्रम को देखने वाले विभाग DIPAM के सचिव तुहिन कुमार पांडे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी जानकारी दी।
एयर इंडिया के मालिकाना हक के लिए बोली लगाने वालों में टाटा संस के अतिरिक्त Spicejet के अजय सिंह नेतृत्व वाला कंसोर्टियम भी शामिल था, जिसने 15,100 करोड़ रुपये की बोली लगाई। लेकिन टाटा संस की ओर से लगाई गई बोली इससे 2,900 रुपये अधिक थी और इसलिए इसने एयर इंडिया को लेकर लगाई गई बोली जीत ली। इस संबंध में सभी प्रक्रियाएं दिसंबर 2021 तक पूरी कर लिए जाने की बात कही गई है।
एयर इंडिया के नए मालिक को इसका मालिकाना हक मिलने के बाद इससे जुड़े नाम और लोगो को पांच साल तक संभालकर रखना होगा। इसके बाद टाटा संस चाहे तो इसके नाम व लोगो को ट्रांसफर कर सकती है, लेकिन यह किसी भारतीय इकाई या व्यक्ति को ही दिया जा सकेगा। कोई भी विदेशी व्यक्ति या इकाई इसे हासिल नहीं कर सकेगी।
यहां उल्लेखनीय है कि एयर इंडिया की शुरुआत 1932 में टाटा ग्रुप के जेआरडी टाटा ने की थी। उन्होंने इसे टाटा एयरलाइंस के रूप में शुरू किया था। 1947 में भारत की आजादी के बाद सरकार ने इसमें 49 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया। आगे चलकर 1953 में सरकार ने एयर कॉरपोरेशन एक्ट पारित किया और इसमें अधिकतर हिस्सेदारी खरीद ली, जिसके बाद से यह एक सरकारी कंपनी बन गई। अब 68 साल बाद एक बार फिर टाटा ग्रुप ने एयर इंडिया के लिए बोली जीत ली है।
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