Tax Collection: राजस्व सचिव तरुण बजाज (Tarun Bajaj) ने शुक्रवार को कहा कि 31 मार्च को समाप्त वित्तीय वर्ष में भारत का टैक्स कलेक्शन 27.07 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया। ऐसा इसलिए क्योंकि आय और अन्य प्रत्यक्ष करों के साथ-साथ अप्रत्यक्ष करों में भी उछाल आया है।
22.17 लाख करोड़ रुपये के बजट अनुमान की तुलना में अप्रैल 2021 से मार्च 2022 के दौरान सकल कर संग्रह 27.07 लाख करोड़ रुपये रहा।
49 प्रतिशत उछला प्रत्यक्ष कर संग्रह
इस अवधि में प्रत्यक्ष कर (Direct tax) का कलेक्शन 49 प्रतिशत उछला और यह 14.10 लाख करोड़ रुपये रहा। यह बजट में इसके अनुमान से 3.02 लाख करोड़ रुपये ज्यादा है। मालूम हो कि डायरेक्ट टैक्स के तहत व्यक्तिगत आयकर और कंपनी टैक्स आता है।
इतना रहा अप्रत्यक्ष कर संग्रह
आगे राजस्व सचिव ने कहा कि अप्रत्यक्ष कर (Indirect tax) संग्रह 12.90 लाख करोड़ रुपये रहा। जबकि अप्रत्यक्ष कर संग्रह 11.02 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया था। इस दौरान उत्पाद शुल्क बजट अनुमान से 1.88 लाख करोड़ रुपये अधिक रहा। यह अप्रत्यक्ष कर राजस्व के अंतर्गत आता है।
बजाज ने कहा कि वित्त वर्ष 2021-22 में प्रत्यक्ष कर संग्रह 49 प्रतिशत और अप्रत्यक्ष कर संग्रह 30 प्रतिशत बढ़ा। बेहतर कर राजस्व अर्थव्यवस्था की लचीलापन दिखाता है। पिछले वित्त वर्ष में टैक्स- टू- जीडीपी रेश्यो (tax-to-GDP ratio) उछलकर 11.7 प्रतिशत पर पहुंच गया, जो 2020-21 में 10.3 प्रतिशत था। यह 1999 के बाद सबसे अधिक है।
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