सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने शुक्रवार (26 फरवरी) को बताया कि वित्त वर्ष 2020-21 की तीसरी तिमाही में जीडीपी 0.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। जैसा कि उम्मीद की जा रही थी, राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा शुक्रवार शाम जारी आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के दौरान भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में सालाना आधार पर 0.4% की वृद्धि हुई है। जुलाई-सितंबर की अवधि में 7.3% की दर से संशोधित नकारात्मक वृद्धि और वित्तीय वर्ष 2020-21 (FY21) की पहली तिमाही में 24.4% की गिरावट के बाद भारत तकनीकी तौर पर मंदी से बाहर आई है। सरकारी अनुमान है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में 2020-21 में 8 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है।
संपूर्ण वित्त वर्ष 2021 के लिए जीडीपी अनुमान की पहले के अनुमान -7.7% की तुलना में नीचे -8% की वृद्धि को संशोधित किया गया जो पहले अनुमानित था। आर्थिक सर्वेक्षण 2020-21 ने वित्त वर्ष 22 में अर्थव्यवस्था के 11% बढ़ने की भविष्यवाणी की थी, जो भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के 10.5% के अनुमान से थोड़ा अधिक था। हालांकि, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) को उम्मीद है कि इसी अवधि में भारत 11.5 प्रतिशत की दर से बढ़ेगा।
भारत की अर्थव्यवस्था जून तिमाही में 40 साल के इतिहास में पहली बार सिकुड़ गई क्योंकि कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन लगाना पड़ा था। बाद की तिमाही में संकुचन की गति कम हो गई।
Times Now Navbharat पर पढ़ें Business News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।