नई दिल्ली। खुशहाल जिंदगी के साथ सुरक्षित जिंदगी भी जरूरी है। सुरक्षित जिंदगी का अर्थ यह है कि अगर आपके साथ कुछ अनहोनी घट जाए तो आप के परिवार का क्या होगा यदि आप किसी अपगंता के शिकार होते हैं जो आगे की गाड़ी कैसे चलेगी। इन्हीं सब चीजों को ध्यान में रखकर लोगों का रुझान टर्म इंश्योरेंस की तरफ बढ़ा है। सामान्य पॉलिसी, हेल्थ पॉलिसी से यह थोड़ा अलग होता है। अगर मौजूदा समय की बात करें तो कोरोना महामारी में टर्म इंश्योरेंस के बारे में सबसे अधिक बात हो रही है। बीमा एजेंट तमाम तरह की बातें करते हैं ऐसे में आप को टर्म इंश्योरेंस की शब्दावली को समझना बेहद जरूरी है।
इंश्योरेंस पॉलिसी से जुड़े शब्दों को हम आपको आसान तरीके से बताने की कोशिश करेंगे ताकि आप किसी के झांसे में ना आ सकें और अपने विवेक से आगे का फैसला करें।
आकस्मिक हादसे में लाभ( Accidental death benefit)
यह एक राइटर या अतिरिक्त लाभ है। इसे आप अपने टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी में जोड़ सकते हैं। यदि पॉलिसीधारक पॉलिसी के दौरान हादसे का शिकार हो जाता है तो बीमा कंपनी पॉलिसीधारक के परिवार को अतिरिक्त राशि देगी। यह हिस्सा सम अस्योर्ड से अलग होगा।
लाभार्थी(Beneficiary)
लाभार्थी वो शख्स होता है जिसे पॉलिसीधारक अपना नामिनी घोषित करता है, इसमें एक या एक से ज्यादा परिवार के सदस्य हो सकते हैं,इसमे आमतौर पर पत्नी, पति, बच्चा या माता पिता शामिल होते हैं।
कवरेज
इसका अर्थ यह है कि टर्म इंश्योरेंस में कुल कितनी रकम देने का वादा किया गया है। पॉलिसी जारी रहने के दौरान अगर उसकी मौत हो जाती है तो पूरी रकम नॉमिनी को दे दी जाती है।
दावेदार
पॉलिसीधारक के परिवार को वो सदस्य होता है जब वो इंश्योरेंस के लिए क्लेम करता है। दरअसल जब पॉलिसीधारक की मौत हो जाती है तो क्लेम किया जाता है।
डेथ बेनिफिट और डेथ क्लेम
यह वो राशि होती है जब इंश्योरेंस कंपनी पॉलिसीधारक की मौत के बाद नॉमिनी को देती हैं। डेथ क्लेम का अर्थ यह है कि दावेदार या नॉमिनी इस बात की सूचना देता है कि पॉलिसीधारक अब इस दुनिया में नहीं है।
ग्रेस पीरियड
यह वो अवधि होती है जब आपको प्रीमियम राशि अदा करने के लिए अतिरक्त समय मिलता है। इसके जरिए आप अपने टर्म इंश्योरेंस को लैप्स होने से बचा सकते हैं।
नॉमिनी
पॉलिसीधारक जब टर्म इंश्योरेंस खरीदता है तो वो अपनी पत्नी, बच्चे या मातापिता को हक देता है कि उसकी मौत के बाद सारी रकम उन्हें दे दी जाए।
पॉलिसी की अवधि
यह वो समय होता है जिस अवधि के लिए पॉलिसी खरीदी जाती है. यह समय 10, 20 25 कुछ भी हो सकता है।
प्रीमियम
यह वो राशि होती है जिसे महीना, क्वाटरली, हर 6 महीने या साल भर पर बीमा कंपनी को अदा करना होता है।
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