आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थियों को राहत, निजी प्रयोगशालाओं में होगी कोविड-19 की नि:शुल्‍क जांच

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भाषा
Updated Apr 04, 2020 | 23:00 IST

देश में बढ़ते कोरोना वारयस के मामलों के बीच राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण ने कहा है कि आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थियों के कोरोना संक्रमण की जांच निजी प्रयोगशालाओं व इलाज पैनल के अस्पतालों में नि:शुल्‍क होगी।

आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थियों को राहत, निजी प्रयोगशालाओं में होगी कोविड-19 की नि:शुल्‍क जांच
आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थियों को राहत, निजी प्रयोगशालाओं में होगी कोविड-19 की नि:शुल्‍क जांच (फाइल फोटो)  |  तस्वीर साभार: BCCL

नई दिल्ली : राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) ने शनिवार को बताया कि आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थियों के लिए कोरोना वायरस से संक्रमण की जांच निजी प्रयोगशालाओं में और इलाज पैनल के अस्पतालों में मुफ्त होगी। राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना को लागू करने की जिम्मेदारी निभा रहे एनएचए ने कहा कि इससे कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई मजबूत होगी।

एनएचए ने विज्ञप्ति में कहा, कोरोना वायरस संक्रमण की जांच पहले ही सरकारी प्रयोशालाओं में मुफ्त है। अब 50 करोड़ से अधिक नागरिक जो राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के अंतर्गत आते हैं निजी प्रयोगशालाओं में कोरोना वायरस संक्रमण की मुफ्त जांच और पैनल के अस्पतालों में मुफ्त इलाज करा सकेंगे।' बयान के मुताबिक आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) से संबद्ध अस्पताल अपने अधिकृत जांच प्रयोगशाला का इस्तेमाल कर सकेंगे या अधिकृत जांच प्रयोगशाला से करा सकेंगे।

प्राधिकरण ने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण की जांच भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) द्वारा तय दिशानिर्देशों के अनुरूप और उससे मंजूरी प्राप्त या पंजीकृत प्रयोगशाला में ही किया जाना चाहिए। एनएचए ने बताया कि निजी अस्पतालों द्वारा कोरोना वायरस संक्रमण का इलाज एबी-पीएमजेएवाई के तहत बीमित होगा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा, 'यह अभूतपूर्व संकट हैं और हमें कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में निजी क्षेत्र को अहम साझेदारों और हितधारकों के रूप में सक्रियता से शामिल करना होगा।'

उन्होंने कहा, 'आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत जांच और इलाज लाने एवं निजी क्षेत्र के अस्पतालों और प्रयोगशालाओं को शामिल करने से गरीबों पर इस आपदा के असर को कम करने की हमारी क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।' स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इस फैसले का लक्ष्य जांच और इलाज सुविधाओं का विस्तार करना है। आईसीएमआर द्वारा कोरोना वायरस संक्रमण की जांच के लिए निजी प्रयोगशालाओं को जारी दिशानिर्देशों के मुताबिक उन्हीं प्रयोगशालाओं में जांच हो सकती है जो नेशनल एक्रिडेशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग ऐंड कैलिब्रेशन ऑफ लेबोरट्रीज (एनएबीएल) से इस विषाणु की संबंधित जांच के लिए मान्यता प्राप्त हो। उल्लेखनीय है कि एनएबीएल गुणवर्ता परिषद के बोर्ड का घटक है।

आईसीएमआर के दिशानिर्देश के मुताबिक प्रयोगशाला तभी कोरोना वायरस की जांच कर सकती है जब जांच के लिए वहां अर्हताप्राप्त फिजिशियन हो। इस फैसले से कोरोना वायरस के संक्रमण की जांच और इलाज के लिए और निजी अस्पताल आगे आएंगे। एनएचए ने कहा, 'कोरोना वायरस के संक्रमितों की संख्या बढ़ने और इलाज की जरूरतों की स्थिति में निजी क्षेत्र की सहभागिता अहम होगी। राज्य निजी अस्पतालों की सूची बनाने की प्रक्रिया में जिन्हें विशेष रूप से कोरोना वायरस संक्रमितों के अस्पताल में तब्दील किया जा सकता है।'

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