नई दिल्ली। सरकार चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही यानि अक्टूबर से दिसंबर के जीडीपी आंकड़े पेश कर दिया है। तीसरी तिमाही में जीडीपी में बढ़ोतरी हुई है जो 4.7 फीसद है, जबकि दूसरी तिमाही में यह आंकड़ा 4.5 फीसद थी। जनवरी के महीने में कोर सेक्टर में ग्रोथ रेट 2.2 दर्ज की गई है। दिसंबर में यह आंकड़ा 2.1 फीसद था। आठ बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर जनवरी में 2.2 प्रतिशत रही जो एक साल पहले इसी महीने में 1.5 प्रतिशत थी।
जानकारों का कहना है कि आंकड़ों से लग रहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार के दिन वापस लौट रहे हैं यानि कि लगातार 6 तिमाही की गिरावट के बाद भारतीय बाजारों में मांग में धीरे धीरे इजाफा हो रहा है। इस संबंध में बताया जा रहा है कि जिस तरह वित्त मंत्रालय की तरफ से अलग अलग सेक्टर्स के लिए राहत पैकेज का ऐलान किया गया है उसका फायदा होता हुआ नजर आ रहा है। हालांकि अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है।
जानकारों का कहना है कि ये आंकड़े ऐसे समय आ रहा है कि जब दुनिया के अलग अलग मुल्कों में कोरोना वायरस का असर है और चीन सबसे ज्यादा प्रभावित है। वैश्विक सुस्ती के बीच कोरोना ने उस सुस्ती में इजाफा किया है और उसके असर से भारत की अर्थव्यवस्था अछूती नहीं हो सकती है। बताया जा रहा है कि तीसरी तिमाही के आंकड़ों में कुछ खास सकारात्मक बदलाव देखने को न मिले।
केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय और वर्ल्ड बैंक ने वित्त वर्ष 2019-20 में सिर्फ 5 फीसदी जीडीपी ग्रोथ रखने का अनुमान जाहिर किया है। जबकि सरकार के आर्थिक सर्वे में वित्त वर्ष 2020-21 में GDP ग्रोथ रेट 6-6.5 फीसदी के बीच रहने का अनुमान लगाया गया है। कुछ एजेंसियों का मानना है कि दिसंबर तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट 4.4 फीसदी पर रह सकता है। अगर पिछले वित्त वर्ष से तुलना करें तो इसमें गिरावट आएगी। इसके साथ ही यस बैंक और कोटक बैंक का अनुमान है कि जीडीपी ग्रोथ रेट दिसंबर तिमाही में 4.5 फीसदी पर रहेगीष।
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