नई दिल्ली : बैंक कर्मचारियों के नौ संगठनों का शीर्ष निकाय यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स (यूएफबीयू) ने सार्वजिक क्षेत्र के दो बैंकों के प्रस्तावित निजीकरण के विरोध में मंगलवार को 15 मार्च से दो दिन की हड़ताल का आह्वान किया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले सप्ताह अपने बजट भाषण में विनिवेश कार्यक्रम के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों के निजीकरण की घोषणा की। सरकार पहले ही 2019 में आईडीबीआई बैंक में अपनी बहुलांश हिस्सेदारी एलआईसी को बेचकर उसका निजीकरण कर चुकी है। साथ ही पिछले चार साल में सार्वजनिक क्षेत्र के 14 बैंकों का विलय किया गया है।
ऑल इंडिया बैंक एम्प्लॉयज एसोसएिशन (एआईबीईए) के महासचिव सी एच वेंकटचलम ने कहा कि यूएफबीयू की मंगलवार को हुई बैठक में बैंकों के निजीकरण के सरकार के निर्णय का विरोध करने का फैसला किया गया। उन्होंने कहा कि बैठक में केंद्र सरकार के बजट में सुधारों को लेकर की गयी विभिन्न घोषणाओं पर चर्चा हुई। इसमें आईडीबीआई बैंक और सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों का निजीकरण, बैड बैंक की स्थापना, एलआईसी में विनिवेश, एक साधारण बीमा कंपनी का निजीकरण, बीमा क्षेत्र में 74 प्रतिशत तक एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) की मंजूरी और सार्वजनिक उपक्रमों में हिस्सेदारी बिक्री आदि शामिल हैं।
वेंकटचलम के अनुसार बैठक में यह कहा गया कि ये उपाय प्रतिगामी और कर्मचारियों के हितों के खिलाफ हैं। इसीलिए इसका विरोध करने की जरूरत है।
एआईबीओसी के महासचिव सौम्य दत्ता ने कहा कि विचार-विमर्श के बाद सरकार के निर्णय के खिलाफ 15 मार्च और 16 मार्च को दो दिन की हड़ताल का आह्वान करने का निर्णय किया गया।
यूएफबीयू के सदस्यों में ऑल इंडिया बैंक एम्प्लॉयज एसोसिशन (एआईबीईए), ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कॉन्फेडरेशन (एआईबीओसी), नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ बैंक एम्प्लॉयज (एनसीबीई), ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन (एआईबीओए) और बैंक एम्प्लॉयज कॉन्फेडरेश्न ऑफ इंडिया (बीईएफआई) शामिल हैं।
इसके अलावा इंडियन नेशनल बैंक एम्प्लॉयज फेडरेश्न (आईएनबीईएफ), इंडियन नेशनल बैंक ऑफिसर्स कांग्रेस (आईएनबीओसी), नेशनल ऑर्गनाइजेशन ऑफ बैंक वर्कर्स (एनओबीडब्ल्यू) और नेशनल आर्गनाइजेशन ऑफ बैंक ऑफिसर्स (एनओबीओ) शामिल हैं।
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