नयी दिल्ली: उबर इंडिया (Uber India) ने ईंधन की कीमतों में तेजी (fuel costs) का हवाला देते हुये किराये में बढ़ोतरी की घोषणा की है।उबर इंडिया के निदेशक नीतीश भूषण ने कहा कि ईंधन के बढ़ते दाम का बोझ उबर के ड्राइवरों (Uber Driver) पर न पड़े, इसके लिये किराये में बढ़ोतरी की गई है।उन्होंने बताया कि ड्राइवरों में यह मामला कंपनी के समक्ष उठाया था। उन्होंने कहा कि ईंधन की कीमतों में तेजी ने सभी को प्रभावित किया है, खासकर राइड शेयरिंग करने वाले ड्राइवर्स को यह अधिक महसूस हुआ है।
नीतीश ने कहा कि उबर का हमेशा से प्रयास रहा है कि ड्राइवर उससे जुड़ने को आकर्षक विकल्प के रूप में समझें। किराये में बढ़ोतरी करने से उनकी प्रति ट्रिप आमदनी बढ़ जायेगी।
कंपनी ने कहा कि अब ड्राइवर्स राइड स्वीकार करें, उससे पहले उन्हें राइडर्स का गंतव्य दिखता है। उन्हें ट्रिप शुरू करने से पहले पेमेंट मोड भी दिखता है। उबर ने ड्राइवर को प्रति दिन भुगतान की भी नई प्रक्रिया शुरू की है।
उबर ने लेकिन ड्राइवर्स द्वारा राइड रद्द किये जाने और सर्ज प्राइसिंग के मुद्दे पर चर्चा नहीं की। गत सप्ताह ही केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण ने उबर और ओला जैसी कंपनियों को राइड रद्द किये जाने, कैंसिलेशन चार्ज, रैंडम सर्ज प्राइसिंग, अधिक वेटिंग टाइम जैसी यूजर्स की शिकायतों का निवारण करने की चेतावनी दी है। ऐसा न करने पर कंपनियों पर जुर्माना लगाया जा सकता है।
केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण की मुख्य आयुक्त निधि खरे ने इन कंपनियों को 30 दिन के भीतर अपना एल्गोरिदम ठीक करने के लिये कहा है। निधि खरे ने कहा है कि कंपनियां राइड कैंसिलेशन और सर्ज प्राइसिंग से संबंधित एल्गोरिद्म को ठीक करें वरना उन पर जुर्माना लगाया जायेगा।
प्राधिकरण को उबर और ओला जैसी कंपनियों के खिलाफ कई शिकायतें मिली थीं। यूजर्स का कहना है कि कैब ड्राइवर राइडर पर ट्रिप कैंसिल करने का दबाव बनाते हैं, जिसके कारण राइडर्स को कैंसिलेशन चार्ज देना पड़ता है। सूत्रों के मुताबिक, उपभोक्ता मामलों का विभाग भी सर्ज प्राइसिंग और राइड कैंसिलेशन से संबंधित नये दिशानिर्देश जारी करेगा।
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