क्षेत्रीय कनेक्टिविटी योजना के तहत नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने देश के आम नागरिक के लिए उड़ान 4.0 के तहत 78 नए हवाई रूटों को मंजूरी दी है। इससे देश के दूरस्थ और क्षेत्रीय इलाकों से संपर्क (कनेक्टिविटी) को और बढ़ाया जाएगा। इन नए रूटों के लिए अनुमोदन प्रक्रिया में उत्तर पूर्वी क्षेत्र,पहाड़ी राज्यों और द्वीपों को प्राथमिकता दी गई है। उत्तर पूर्वी राज्यों में गुवाहाटी से तेजू, रूपसी, तेजपुर, पासीघाट, मीसा और शिलांग के हवाई मार्गों के साथ कनेक्टिविटी को विशेष बढ़ावा दिया जा रहा है। उड़ान 4.0 के लिए मंजूर किए गए इन रूटों से लोग हिसार से चंडीगढ़, देहरादून और धर्मशाला के लिए उड़ान भर सकेंगे। वाराणसी से चित्रकूट और श्रावस्ती के लिए हवाई रूटों को भी मंजूरी दी गई है। लक्षद्वीप के अगात्ती, कवारत्ती और मिनिकॉय द्वीपों को भी उड़ान 4.0 के नए रूटों से जोड़ा गया है।
उड़ान योजना के तहत अब तक 766 हवाई रूटों को मंजूरी दी गई है। 29 सेवारत, 08 अनसर्व्ड (02 हेलीपोर्ट और 01 जल हवाई अड्डा सहित) और 02 अंडरसर्व्ड हवाई अड्डों को अनुमोदित कूटों के लिए लिस्ट में शामिल किया गया है।
उड़ान के चौथे दौर को दिसंबर 2019 में पूर्वोत्तर क्षेत्रों, पहाड़ी राज्यों और द्वीपों पर विशेष ध्यान देने के साथ शुरू किया गया था। भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण (एएआई) द्वारा पहले ही विकसित किए गए हवाई अड्डों को इस योजना के तहत वीजीएफ (व्यवहार्यता गैप फंडिंग) के लिए उच्च प्राथमिकता दी गई है। उड़ान 4.0 के तहत, हेलीकॉप्टर और सी-प्लेन के संचालन को भी शामिल किया गया है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने इसकी शुरुआत से 274 उड़ान रूटों का परिचालन किया है, जिससे 45 हवाई अड्डे और 3 हेलीपोर्ट जुड़े हैं।
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