भारतीय अर्थव्यवस्था पर कोविड-19 महामारी की पीड़ादायक दूसरी लहर से होने वाले गहरे और बुरे प्रभाव के बारे में वित्तीय (राजकोषीय) समाधानों को प्रदान करने पर विचार करने के लिए आयोजित द्वि-मासिक मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक के दौरान भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा शुक्रवार को अपनी यथास्थिति को बनाए रखा गया जैसा कि उम्मीद की जा रही थी। सेंट्रल बैंक द्वारा क्रमश: 4% और 3.35% की जारी रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में कोई भी बदलाव न करने का फैसला लिया गया। इसके मायने हैं कि अब से एक वर्ष से अधिक समय के लिए प्रमुख नीतिगत दर (‘की’ पॉलिसी रेट) कई दशकों के सबसे न्यूनतम स्तर यानी 4% पर बने रहेंगे। आइए इस बात को समझने की कोशिश करते है कि इसका आपके होम लोन और कार लोन पर क्या प्रभाव पड़ सकता है।
हाल की घोषणाओं से यह तय किया गया है कि रेपो-लिंक्ड होम लोन, जिनको आरबीआई के एक्सटर्नली बैंचमार्क्ड लोन मेंडेट के अंतर्गत अक्टूबर 2019 में पेश किया गया था, ताकि पारदर्शी रूप से रेट-कट (दर में कटौती) के लाभों को उधारकर्ताओं को दिया जा सके, उसमें थोड़े समय में ब्याज दरों में बढ़ोतरी होने की संभावना दिखाई नहीं देती है। सच तो यह है कि 15 बैंकों द्वारा वर्तमान में इन रेपो-लिंक्ड फ्लोटिंग होम लोन को ऑफर किया जा रहा है जिसमें ब्याज दर की शुरुआत 7% से कम से होती है, जिसमें अन्य नियमों और शर्तों के अधीन आमतौर पर न्यूनतम दरों को 750-800 से ऊपर क्रेडिट स्कोर वाले योग्य उधारकर्ताओं के लिए रिजर्व रखा गया है। इसलिए अगर आप होम लेने की योजना बना रहे हैं और आपका क्रेडिट स्कोर बहुत ही शानदार है, तो आपको कम से कम कुछ ऐसे और महीने मिल गए हैं जिनके दौरान आप न्यूनतम उपलब्ध ब्याज दरों का आनंद ले सकते हैं। यदि आपके पास आवश्यक लिक्विडिटी है, स्थिर आय है, और जारी चुनौतियों और अनिश्चितताओं का सामना करने की क्षमता है, तो यह आपके लिए घर खरीदने का अच्छा समय होगा। साथ ही, यह बात भी दिमाग में रखें कि जब भी आरबीआई द्वारा रेपो रेट को बढ़ाने का फैसला किया जाएगा, तो इन रेपो-लिंक्ड लोन में तत्काल और आनुपातिक रूप से ब्याज दरों में भी बढ़ोतरी हो जाएगी।
अगर आप पिछली बैंचमार्क व्यवस्था यानी बीएलआर, बीआई या एमसीएलआर के तहत होम लोन की किस्तों की अदायगी कर रहे हैं, तो हाल की घोषणा से अगले कुछ महीनों में आपके होम लोन में थोड़ी कमी देखने को मिल सकती है, यदि अभी तक ऐसा नहीं हुआ है। उदाहरण के लिए, एमसीएलआर लोन ब्याज दरों को आमतौर पर छह महीनों में एक बार रिसेट किया जाता है। लेकिन, यदि आपको लगता है कि आपके लिए लागू ब्याज दरों और रेपो-लिंक्ड व्यवस्था के तहत ऑफर की जाने वाली उधारदाता की ब्याज दरें अधिक हैं- उदाहरण के लिए, 50 बेसिस प्वाइंट से अधिक- तो आप लोन को रिफाइनेंस (पुनर्वित्त) करवा सकते हैं। आप ऐसा, आपके मौजूदा उधारदाता को या तो प्रोसेसिंग फी का भुगतान करके या बेहतर शर्तों की ऑफर करने वाले किसी दूसरे उधारदाता को अपना लोन ट्रांसफर करके कर सकते हैं। सस्ते बैंचमार्क के लिए रिफाइनेंस से विशेष रूप से उस समय सहायता मिलती है जब आपकी लोन की आधी अवधि अभी बाकी है। दूसरा रास्ता अपनाने में अधिक पेपरवर्क करना होगा, लेकिन रेपो-लिंक्ड लोन के लिए स्विच करने से न केवल ईएमआई में कमी होगी बल्कि कुल मिलाकर ब्याज से जुड़े दायित्व में भी बहुत बड़ी बचत होगी जिससे आपको जल्दी से ऋण-मुक्त होने में सहायता मिल सकती है।
हालांकि कार लोन ब्याज दरें, नए होम लोन की तरह एक्सटर्नली बैंचमार्क्ड नहीं हैं और आमतौर पर इसके लिए पूरी लोन अवधि के लिए फिक्स्ड-रेट व्यवस्था का पालन किया जाता है (अधिकांश मामलों में 84 महीनों तक उपलब्ध), अधिकांश बैंकों ने निम्न रेपो रेट व्यवस्था के दौरान अपने नए कार लोन ब्याज दरों को कम कर दिया है। यहां पर मई 2019 बनाम 2021 के बीच की अवधि के लिए कुछ अग्रणी बैंकों द्वारा नए कार लोन ब्याज दरों की न्यूनतम विज्ञापित (एडवर्टाइज्ड) दरों की तुलनात्मक तालिका (कम्पेरिटिव टेबल) दी गई है:-
बैंक का नाम | मई 2019 में न्यूनतम नई कार लोन की ब्याज दर* | मई 2021 में न्यूनतम नई कार लोन की ब्याज दर** |
भारतीय स्टेट बैंक | 9.40% प्रति वर्ष | 7.70% प्रति वर्ष |
पंजाब नेशनल बैंक | 9.05% प्रति वर्ष | 7.30% प्रति वर्ष |
एचडीएफसी बैंक | 9.75% प्रति वर्ष | 7.95% प्रति वर्ष |
आईसीआईसीआई बैंक | 9.30% प्रति वर्ष | 7.90% प्रति वर्ष |
तुलनात्मक डेटा जिसे संबंधित बैंक वेबसाइट से *29 मई 2019 और **13 मई 2021 को लिया गया है।
इसलिए, अगर आप नया कार लोन लेने की सोच रहे हैं, तो हो सकता है कि आप निकट भविष्य में अपने निर्णय को अंतिम रूप देना चाहेंगे, ताकि आप पूरी लोन अवधि के दौरान निम्न निर्धारित (फिक्स्ड) रेट का आनंद ले सकें। यदि आप पहले से ही उच्च दर पर कार लोन चुका रहे हैं, तो आप अपने लोन को दूसरे उधारदाता के पास ट्रांसफर करने पर विचार कर सकते है जो कम दरों की ऑफर कर रहा है, अगर ऐसा करने से आप लोन फोरक्लोजर शुल्कों को ध्यान में रखते हुए शेष बकाया ब्याज पर काफी बचत कर सकते हैं।
(इस लेख के लेखक, BankBazaar.com के CEO आदिल शेट्टी हैं)
(डिस्क्लेमर: यह जानकारी एक्सपर्ट की रिपोर्ट के आधार पर दी जा रही है। बाजार जोखिमों के अधीन होते हैं, इसलिए निवेश के पहले अपने स्तर पर सलाह लें।) ( ये लेख सिर्फ जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसको निवेश से जुड़ी, वित्तीय या दूसरी सलाह न माना जाए)
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