Union Cabinet Decisions: बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल (Union Cabinet) ने कई बड़े फैसले लिए। इनमें डिजिटल लेनदेन के लिए 1300 करोड़ की प्रोत्साहन योजना, कृषि सिंचाई योजना को पांच वर्ष बढ़ाने की मंजूरी, भारत और पोलैंड के बीच आपराधिक मामलों में परस्पर कानूनी सहायता से संबंधित संधि को मंजूरी और सेमीकंडक्टर विनिर्माण के लिए 76,000 करोड़ की PLI योजना की मंजूरी शामिल है। आइए इनके बारे में विस्तार से जानते हैं।
डिजिटल लेनदेन के लिए 1300 करोड़ की प्रोत्साहन योजना को मंजूरी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने यूपीआई (UPI) और रूपे डेबिट कार्ड (RuPay Debit Card) के जरिए डिजिटल लेनदेन पर 1,300 करोड़ रुपये के 'शुल्क' को वापस (रिइम्बर्समेंट) करने की मंजूरी दे दी है। इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सरकार मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) के तहत व्यक्तियों द्वारा कारोबारियों को किए गए डिजिटल भुगतान पर लगाए गए लेनदेन शुल्क को लौटाएगी। वैष्णव ने कहा कि, 'आने वाले एक साल में सरकार करीब 1,300 करोड़ रुपये का निवेश करेगी, ताकि अधिक से अधिक लोग डिजिटल भुगतान की ओर बढ़ें।' आगे उन्होंने बताया कि नवंबर में 7.56 लाख करोड़ रुपये के 423 करोड़ डिजिटल लेनदेन हुए।
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना को पांच वर्ष बढ़ाने की मंजूरी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (Pradhan Mantri Krishi Sinchayee Yojana, PMKSY) को वर्ष 2021 से पांच वर्ष बढ़ाकर वर्ष 2026 तक करने के प्रस्ताव को बुधवार को मंजूरी दे दी है। इस पर कुल लागत 93,068 करोड़ रुपये आने का अनुमान है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय किया गया। सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर और जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद इसकी जानकारी दी।
22 लाख किसानों को होगा फायदा
उन्होंने बताया कि मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना को 2021-22 से 2025-26 तक जारी रखने को मंजूरी दी है जिससे करीब 22 लाख किसानों को फायदा होगा जिसमें 2.5 लाख अनुसूचित जाति और 2 लाख अनुसूचित जनजाति वर्ग के किसान हैं। सरकारी बयान के अनुसार, इस पर कुल लागत 93,068 करोड़ रूपये आने का अनुमान है।
इसमें कहा गया है कि त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम के तहत शामिल नई परियोजनाओं सहित 60 चल रहीं परियोजनाओं को पूरा करने पर ध्यान दिया जाएगा।
बयान के अनुसार, हर खेत को पानी खंड के तहत सतही जल स्रोतों के माध्यम से जल निकायों के पुनर्जीवन के तहत 4.5 लाख हेक्टेयर सिंचाई तथा उपयुक्त ब्लाकों में भूजल सिंचाई के तहत 1.5 लाख हेक्टेयर की सिंचाई हो सकेगी।
भारत और पोलैंड के बीच संधि को मिली मंजूरी
इसके अलावा केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत और पोलैंड के बीच आपराधिक मामलों में परस्पर कानूनी सहायता से संबंधित संधि को बुधवार को मंजूरी प्रदान कर दी है। इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। इसका उद्देश्य परस्पर कानूनी सहायता के माध्यम से आतंकवाद से संबंधित अपराधों समेत अन्य अपराधों की जांच और अभियोजन में दोनों देशों की क्षमता और प्रभावशीलता में वृद्धि करना है।
क्या है इस संधि का उद्देश्य?
इसमें कहा गया है कि इस संधि का उद्देश्य आपराधिक मामलों में सहयोग और आपसी कानूनी सहायता के माध्यम से अपराध की जांच और अभियोजन में दोनों देशों की प्रभावशीलता को बढ़ाना है। बयान के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय अपराध और आतंकवाद के साथ इसके संबंधों के संदर्भ में, प्रस्तावित संधि में अपराध की जांच और अभियोजन के साथ-साथ अपराध के बढ़ने, इसके मददगार कारकों तथा आतंकवादी कृत्यों के वित्तपोषण के लिए धनराशि आदि का पता लगाने, रोकने और जब्त करने में पोलैंड के साथ द्विपक्षीय सहयोग के लिए एक व्यापक कानूनी ढांचा प्रदान करेगी।
सेमीकंडक्टर विनिर्माण के लिए 76,000 करोड़ की PLI योजना को मंजूरी
इतना ही नहीं, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले बोर्ड के विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन (PLI) योजना को भी मंजूरी दे दी है। इस संदर्भ में सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि इस योजना के तहत अगले 5-6 वर्षों में सेमीकंडक्टर के विनिर्माण में 76,000 करोड़ रुपये के निवेश का अनुमान जताया गया है। दूरसंचार और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इस फैसले से माइक्रोचिप के डिजाइन, विनिर्माण, पैकिंग और परीक्षण में मदद मिलेगी तथा एक संपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र विकसित होगा।
(इनपुट एजेंसी- भाषा)
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