नई दिल्ली। कहते हैं कि किसी भी देश की तरक्की के लिए पूंजी का होना जरूरी होता है और उस पूंजी की व्यवस्था या तो कोई शख्स खुद करे या किसी की मदद ले यानि कि कहीं से निवेश आए। भारत और अमेरिका के संबंधों की बात करते हैं तो एक बात साफ है कि पिछले पांच से 6 वर्ष में दोनों देशों में आपसी एका बढ़ा है औक उसके पीछे यूएस- इंडिया बिजनेस काउंसिल ( USIBC) एक बड़ा आधार है। पीएम नरेंद्र मोदी इस काउंसिल को संबोधित करने वाले हैं। इस काउंसिल में पीएम मोदी क्या कुछ कहेंगे उस पर हर किसी की नजर है। दरअसल इस समय चीन से भारत और अमेरिका के रिश्ते सबसे निचले स्तर पर है। यहां पर हम काउंसिल के बारे में बताएंगे।
45 साल पहले हुए यूएसआईबीसी का हुआ था गठन
यूएस- इंडिया बिजनेस काउंसिल का गठन करीब 45 साल पहले 1975 में हुआ था। इस परिषद का मकसद यह था कि दोनों देशों में प्राइवेट सेक्टर किस तरह से आपसी सहयोग को बढ़ावा देते हुए निवेश के मुद्दे पर आगे बढ़ सकते हैं। यह एक गैर लाभकारी संगठन है। भारत में प्रमुख व्यापार संघों की USIBC से सीधे साझेदारी है। सीआईआई के अलावा द फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री यानि फिक्की, द अमेरिकन चैंबर ऑफ कॉमर्स इन इंडिया , नेशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर और सेवा कंपनियां द इंडस एंटरप्रेन्योर्स (TiE) और इंडो-अमेरिकन चैंबर ऑफ कॉमर्स मिलकर काम करते हैं>
2017 में महिलाओं के लिए वाइज की पहल
यूएस-इंडिया बिजनेस काउंसिल ने महिलाओं के लिए वुमन इनोवेटर्स, सोशल लीडर्स और एंटरप्रेन्योर (WISE) नामक पहल की 2017 में की थी यह घोषणा यूएसआईबीसी के रोड टू ग्लोबल एंटरप्रेन्योरशिप समिट इवेंट के दौरान की गई। हैदराबाद में इनोवेशन की आधारशिला रखी गई। इस पहल का नेतृत्व किरण मजूमदार शॉ सहित महिला नेताओं और उद्यमियों द्वारा किया जा रहा है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस कार्यक्रम में भारत और अमेरिका के लोगों को संबोधित करेंगे।
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