नई दिल्ली : बैंकों से हजारों करोड़ रुपए लेकर फरार शराब कारोबारी विजय माल्या लंदन में रह रहा है। वह भारत के लिए अपने प्रत्यर्पण के खिलाफ वहां की कोर्ट में लड़ई लड़ रहा है। उसने गुरुवार को सरकार से कहा कि लोन बकाया का 100 प्रतिशत चुकाने के लिए मेरे प्रस्ताव को स्वीकार करें और मेरे खिलाफ केस बंद करे। 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज पर भारत सरकार को बधाई देते हुए माल्या ने अफसोस जताया कि मेरे बकाया चुकाने के बार-बार किए गए प्रस्तावों को नजरअंदाज कर दिया गया है।
उन्होंने एक ट्वीट में कहा कि कोविद 19 राहत पैकेज के लिए सरकार को बधाई। वे अधिक रुपयों को छाप सकते हैं क्योंकि वे चाहते हैं। लेकिन मेरे जैसे छोटे योगदानकर्ता, जो देश के सरकारी बैंक लोन की 100% वापसी की लगातार ऑफर दे रहा है उसकी अनदेखी क्यों हो रही है?
9,000 करोड़ रुपए धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग का मामला
माल्या, बंद किंगफिशर एयरलाइंस के प्रमोटर थे। जिनके ऊपर कथित तौर पर 9,000 करोड़ रुपए धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप हैं। उसने कहा, 'कृपया मेरे पैसे बिना शर्त ले लें और मेरे खिलाफ केस बंद कर दें।' इस महीने की शुरुआत में, माल्या ने किंगफिशर एयरलाइंस के लिए गए लोन न चुकाने से जुड़े धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के कथित आरोपों को लेकर भारत के प्रत्यर्पण आदेश के खिलाफ लंदन हाई कोर्ट में अपील खारिज होने के बाद यूके सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की थी।
माल्या ने पहले भी कही थी ये बात
इससे पहले माल्या ने ट्वीट किया था कि उन्होंने किंगफिशर एयरलाइंस द्वारा लोन ली गई राशि का 100 प्रतिशत बैंकों को देने की पेशकश की थी, लेकिन न तो बैंक पैसे लेने के लिए तैयार थे और न ही प्रवर्तन निदेशालय एटैच्ड संपत्ति को जारी करने के लिए तैयार था।
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