नई दिल्ली : डायरेक्ट टैक्स विवाद समाधान योजना विवाद से विश्वास के तहत घोषण करने की समय सीमा बुधवार को समाप्त हो गयी। आयकर विभाग ने पिछले महीने योजना के तहत घोषणा करने और भुगतान करने की अंतिम तिथि बढ़ाकर क्रमश: 31 मार्च और 30 अप्रैल कर दी थी। इससे पहले, समयसीमा क्रमश: 28 फरवरी और 31 मार्च थी।
इस महीने की शुरूआत में वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने लोकसभा में सवालों के लिखित जवाब में कहा था कि योजना के तहत 22 फरवरी तक 1.28 लाख से अधिक घोषणाएं की गयी। इन मामलों में 98,328 करोड़ रुपये की विवादित कर राशि जुड़ी थी। विवादित टैक्स के एवज में भुगतान के तहत इसमें से 53,346 करोड़ रुपये प्राप्त हुए। इसमें केंद्रीय लोक उपक्रमों ने 27,720 करोड़ रुपए, राज्य उपक्रमों ने 1,023 करोड़ रुपए तथा अन्य ने 24,603 करोड़ रुपए भुगतान किए।
योजना के तहत विवादित टैक्स, विवादित ब्याज, विवादित जुर्माना अथवा विवादित शुल्क के निपटान का विकल्प दिया गया था। इसके अंतर्गत करदाता कर आकलन या पुन:आकलन आदेश के संदर्भ में विवादित कर का 100 प्रतिशत और विवादित जुर्माना या ब्याज अथवा शुल्क का 25 प्रतिशत देकर मामले का निपटान कर सकता था।
इसमें करदाता को घोषणा के संदर्भ में आयकर कानून के तहत किसी भी अपराध के लिये ब्याज, जुर्माना और अभियोजन से छूट दी गयी थी। प्रत्यक्ष कर विवाद से विश्वास कानून, 17 मार्च 2020 को अमल में आया था। इसका मकसद विभिन्न अदालतों और अपीलीय मंचों में अटके प्रत्यक्ष कर विवादों का निपटान करना था।
Times Now Navbharat पर पढ़ें Business News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।