नई दिल्ली। दूरसंचार कंपनी वोडाफोन आइडिया (Vodafone Idea) में सबसे बड़ी हिस्स्सेदारी अब वोडाफोन ( Vodafone PLC) या आदित्य बिरला समूह ( Aditya Birla Group) की नहीं, बल्कि भारत सरकार के पास होगी। ऐसा इसलिए क्योंकि वोडफोन आइडिया के बोर्ड ने कंपनी की लाएबिलिटी को इक्विटी में बदलने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है।
धड़ाम हुए वोडाफोन आइडिया के शेयर
इस खबर के बाद आज वोडाफोन आइडिया के शेयर में जोरदार गिरावट देखी जा रही है। बीएसई पर सुबह 11.35 बजे वोडाफोन आइडिया का शेयर 1.90 अंक यानी 12.79 फीसदी लुढ़ककर 12.95 पर पहुंच गया। मौजूदा समय में कंपनी का बाजार पूंजीकरण 37,068.65 करोड़ रुपये है।
यानी वोडाफोन आइडिया के बोर्ड ने भारत सरकार के बकाए स्पेक्ट्रम के भुगतान की किस्तों और बकाया एजीआर की पूरी ब्याज राशि को इक्विटी (शेयर) में बदलने पर फैसला लिया है। अगर यह योजना पूरी होती है तो सरकार कंपनी के सबसे बड़े शेयरधारकों (Govt Share in Vodafone Idea) में एक बन जाएगी।
वोडाफोन आइडिया पर 1.95 लाख करोड़ का कर्ज
कर्ज संकट का सामना कर रही वोडाफोन आइडिया ने सरकार को चुकाए जाने वाले 16,000 करोड़ रुपये के ब्याज बकाया को इक्विटी में बदलने का फैसला किया है, जो कंपनी में 35.8 फीसदी हिस्सेदारी के बराबर होगा। कंपनी पर इस समय 1.95 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है।
कंपनी ने शेयर बाजार को दी जानकारी
वोडाफोन आइडिया ने शेयर बाजार को बताया कि, 'निदेशक मंडल ने 10 जनवरी 2022 को हुई अपनी बैठक में, स्पेक्ट्रम नीलामी किस्तों और एजीआर बकाया से संबंधित कुल ब्याज देनदारी को इक्विटी में बदलने की मंजूरी दी है। कंपनी के अनुमानों के मुताबिक इस देनदारी का सकल वर्तमान मूल्य (एनपीवी) लगभग 16,000 करोड़ रुपये होने की उम्मीद है, जिसकी पुष्टि दूरसंचार विभाग द्वारा की जानी है।'
योजना पूरी होने के बाद किसकी कितनी होगी हिस्सादी?
आगे वीआईएल ने कहा कि चूंकि कंपनी के शेयरों की औसत कीमत 14 अगस्त 2021 के पार वैल्यू से नीचे थी, इसलिए सरकार को 10 रुपये प्रति शेयर की दर से शेयरों का आवंटन किया जाएगा। इस प्रस्ताव पर दूरसंचार विभाग की मंजूरी ली जानी है। कंपनी ने बताया कि यदि यह योजना पूरी होती है तो वोडाफोन आइडिया में सरकार की हिस्सेदारी 35.8 फीसदी से आसपास हो जाएगी, जबकि प्रवर्तकों की हिस्सेदारी करीब 28.5 फीसदी (वोडाफोन समूह) और 17.8 फीसदी (आदित्य बिड़ला समूह) रह जाएगी।
(इनपुट एजेंसी- भाषा)
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