क्रेडिट स्कोर की जांच में बढ़ोत्तरी हो रही है। बैंक बाजार के मनीमूड 2020 की रिपोर्ट के अनुसार, हमने 2019 में क्रेडिट स्कोर की जांच में साल-दर-साल 111% की बढ़ोत्तरी देखी है। आपका क्रेडिट स्कोर आपकी क्रेडिट योग्यता का एक संख्यात्मक आईना है और इसे 300 से 900 के बीच किसी भी नंबर के रूप में दिखाया जा सकता है। आपके लंबे समय तक लोन और क्रेडिट कार्ड्स के इस्तेमाल का मूल्यांकन करके इसका हिसाब निकाला जाता है। यदि आप समय पर अपनी EMI और क्रेडिट कार्ड बिल का पेमेंट करते रहे हैं तो आप एक अच्छे स्कोर की उम्मीद कर सकते हैं।
आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में आपके क्रेडिट स्कोर के साथ-साथ आपके क्रेडिट इतिहास का भी उल्लेख किया जाता है जिसे आप ऑनलाइन से मुफ्त में प्राप्त कर सकते हैं। बस गूगल में जाकर "फ्री क्रेडिट स्कोर चेक" टाइप करके सर्च करें, आपको कुछ ही मिनट में आपकी रिपोर्ट मिल जाएगी। अपने क्रेडिट स्कोर का ख्याल रखना बहुत जरूरी हो गया है। 750 से 900 तक के एक अच्छे स्कोर की मदद से आपको सबसे अच्छे लोन और क्रेडिट कार्ड ऑफर मिल सकते हैं और प्रेफरेंशियल इंटरेस्ट रेट्स का आनंद उठाने का भी मौका मिल सकता है।
2019 में, भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों को अपने लोन के इंटरेस्ट रेट्स को बाहरी बेंचमार्क जैसे रेपो रेट से जोड़ने का आदेश दिया और उन्हें ग्राहकों के बदलते क्रेडिट जोखिम के आधार पर उनके लिए इंटरेस्ट रेट्स को फिर से निर्धारित करने की आजादी भी दी है। बुनियादी तौर पर इसका मतलब यही है कि उधारकर्ताओं को अपने क्रेडिट स्कोर के बारे में मालूम होना चाहिए और उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनका स्कोर "अधिक" रहे क्योंकि ऐसा न करने पर उन्हें ज्यादा इंटरेस्ट रेट देना पड़ सकता है।
यहाँ कुछ ऐसे तरीके बताए गए हैं जिनकी मदद से आप अपने क्रेडिट स्कोर को बेहतर बना सकते हैं और उसे 900 तक पहुंचा सकते हैं।
हमेशा समय पर अपने बाकी अमाउंट का पेमेंट करें
इससे एक अच्छा क्रेडिट स्कोर बनाने में सबसे ज्यादा मदद मिलती है। हमेशा अपनी EMI का पेमेंट उसी महीने में करें जिस महीने में उसे देना है और हमेशा अपने क्रेडिट कार्ड बिल का पेमेंट समय पर करें। हमेशा ऐसा करते रहने से समय के साथ आपका स्कोर बेहतर होता चला जाएगा। इसके अलावा, क्रेडिट कार्ड से जुड़े कर्ज पर खास ध्यान दें क्योंकि यह एक तरह का असुरक्षित कर्ज है और एक बार भी देर से पेमेंट करने पर आपका स्कोर खराब हो सकता है। अपनी EMI और क्रेडिट कार्ड बिल का पेमेंट ऑटोमेटिक तरीके से करने की कोशिश करें ताकि समय पर उनका पेमेंट हो सके। देर से पेमेंट करने पर पेनाल्टी तो लगेगी ही, साथ में यह आपके क्रेडिट इतिहास में लम्बे समय तक दिखाई भी देता रहेगा।
यदि हो सके तो क्रेडिट लाइन को बनाए रखें
आपकी क्रेडिट लाइन जितनी पुरानी होगी, आपका क्रेडिट स्कोर उतना बेहतर होगा। यदि आप काफी लम्बे समय से एक क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल कर रहे हैं या यदि आप कई सालों से अपने होम लोन का रीपेमेंट कर रहे हैं तो आपके क्रेडिट स्कोर पर इसका अच्छा असर पड़ता है। आपको एक लम्बे समय तक चलने वाली क्रेडिट लाइन सिर्फ तभी मिलेगी जब आप समय पर अपना पेमेंट करते हैं। इसलिए, अपनी क्रेडिट लाइंस को जितना हो सके उतने लम्बे समय तक बनाए रखने की कोशिश करें। एक पुराने क्रेडिट कार्ड अकाउंट को बंद करने से, आपके क्रेडिट स्कोर पर थोड़ा बुरा असर पड़ सकता है।
क्रेडिट कार्ड्स पर CUR को कम बनाए रखने की कोशिश करें
CUR या क्रेडिट उपयोग अनुपात आपको आपके क्रेडिट कार्ड पर दिए जाने वाले क्रेडिट का प्रतिशत है। उदाहरण के लिए, यदि आपके कार्ड का स्पेंडिंग लिमिट 1 लाख रु. है और आप एक महीने में 50,000 रुपए खर्च कर रहे हैं तो आपका CUR 50% होगा। अपने CUR को 20% से 30% के आसपास रखना ठीक होगा क्योंकि आपके क्रेडिट स्कोर पर इसका काफी असर पड़ता है।
लोन का सेटलमेंट न करें
एक लोन को प्री-क्लोज करने से आम तौर पर आपके क्रेडिट स्कोर पर अच्छा असर पड़ता है। लेकिन, सेटलमेंट ऑप्शन से सावधान रहें। सेटलमेंट तभी होता है जब आपके प्रिंसिपल और इंटरेस्ट का पेमेंट काफी लम्बे समय से बाकी रहता है, और आपका उधारदाता आपको अपने बाकी अमाउंट (खास तौर पर प्रिंसिपल अमाउंट) का पार्ट-पेमेंट करके लोन को क्लोज करने का ऑप्शन देता है। इस ऑप्शन का इस्तेमाल सिर्फ तभी करना चाहिए जब आप अपने लोन का पेमेंट करने के लिए किसी भी तरह से पैसों का इंतजाम करने की स्थिति में न हो। लेकिन, इस ऑप्शन का इस्तेमाल करने पर, आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में लम्बे समय तक यह दिखाई देगा कि आप अपने लोन का पूरा रीपेमेंट करने में असमर्थ थे। इससे आपके स्कोर को नुकसान पहुंचेगा और भविष्य में नई क्रेडिट लाइन मिलने में भी कठिनाई होगी।
समय-समय पर अपनी रिपोर्ट की जांच करते रहें
यदि आपने एक क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल किया है या एक लोन लिया है तो आपको समय-समय पर अपना क्रेडिट स्कोर देखते रहना चाहिए - कम से कम तीन महीने में एक बार। इससे आपको अपनी रिपोर्ट में शामिल होने वाली गलतियों की जानकारी रखने में मदद मिलेगी जो आगे चलकर काफी महंगा साबित हो सकता है क्योंकि इससे आपका स्कोर नीचे गिर सकता है। अपनी रिपोर्ट में किसी तरह की कोई गलती दिखाई देने पर, क्रेडिट ब्यूरो को तुरंत इसकी जानकारी दें ताकि वे उधारदाता को इसे ठीक करने के लिए कह सकें।
यदि आपने कभी कोई उधार या क्रेडिट कार्ड नहीं लिया है तो आपका कोई क्रेडिट स्कोर नहीं भी बन सकता है। आप अपना पहला क्रेडिट कार्ड लेकर एक क्रेडिट इतिहास की शुरुआत कर सकते हैं। यदि आपका इनकम घटता-बढ़ता रहता है तो आप एक फिक्स्ड डिपोजिट के सहारे एक क्रेडिट कार्ड ले सकते हैं। छोटे-मोटे लेनदेन के लिए क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करने और कुछ महीने तक समय पर उनका रीपेमेंट करने से आपका क्रेडिट इतिहास तैयार हो जाएगा जिसकी मदद से आपको भविष्य में जरूरत पड़ने पर कार लोन या होम लोन जैसा कोई दूसरा क्रेडिट मिल सकता है।
(इस लेख के लेखक, BankBazaar.com के CEO आदिल शेट्टी हैं)
(डिस्क्लेमर: यह जानकारी एक्सपर्ट की रिपोर्ट के आधार पर दी जा रही है। बाजार जोखिमों के अधीन होते हैं, इसलिए निवेश के पहले अपने स्तर पर सलाह लें।)
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