सोने में निवेश करना काफी अच्छा माना जाता है। केवल सोने के गहने खरीदना और सोने के सिक्के खरीदना ही निवेश नहीं होता है इसके अलावा भी गोल्ड से जुड़े स्कीम है जिनके बारे में बहुत कम ही लोगों को जानकारी होती है। आज हम आपको गोल्ड बॉन्ड के बारे में बताएंगे कि ये क्या होते हैं और इसे खरीदने के क्या फायदे हैं।
आप इसे इस तरह समझ सकते हैं कि उदाहरण के लिए आपने 100 ग्राम सोना खरीदा इसका मतलब है कि आपने 100 यूनिट गोल्ड बॉन्ड खरीदे। सोने का भाव 28,000 रुपए प्रति तोला चल रहा था जिसका अर्थ है कि आपने 2.8 लाख रुपए का निवेश किया।
गोल्ड बॉन्ड में निवेश के नियम के मुताबिक आपको हर साल इस 2.8 लाख का ढ़ाई फीसदी ब्याज यानि कि 7,000 रुपया मिलेगा। यानि कि आपको हर छह माह में साढ़े तीन हजार का ब्याज मिलेगा। 8 साल बाद आपको उस समय के सोने के भाव के अनुसार आपको पैसा लौटा दिया जाएगा।
सोने के दाम में 8 साल बाद यदि बढ़ोतरी हुई है तो आपको बढ़कर पैसे मिलेंगे अगर सोने के दाम में कटौती हुई है तो आपको कम पैसे मिलेंगे। इस प्रकार सोने के दाम में उतार चढ़ाव का रिस्क आपको उठाना ही पड़ता है। आप अपने बैंक की सहायता से या फिर अपने broker की सहायता से गोल्ड बांड खरीद सकते हैं, इसके अलावा आप ऑनलाइन भी अप्लाई कर सकते हैं।
सरकारी गोल्ड बॉन्ड यदि आप खरीदते हैं तो इसमें निवेशक को दोहरा फायदा मिलता है। इसमें निवेशक को हर साल सोने पर ढाई फीसदी ब्याज तो मिलता ही है साथ ही सोने की कीमत में यदि बढ़ोतरी होती है तो इसके साथ-साथ निवेशक का रिटर्न भी बढ़ता जाता है।
वर्तमान में सोने के क्षेत्र में संभावनाएं अच्छी नजर आ रही है ऐसे में गोल्ड में निवेश करना बेहतर माना जा रहा है। वैश्विक मंदी के गहराने के कारण विशेषज्ञों का मानना है कि सोने में रिटर्न के अभी सकारात्मक माहौल नजर आ रहे हैं।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम यानी सोने में निवेश करना। यह भारत सरकार की ओर से भारतीय रिजर्व बैंर द्वारा जारी किया जाता है। इस स्कीम का मकसद भौतिक सोने की मांग को कम करना है, ताकी भारत में सोने के आयात पर नजर रखी जा सकें और संसाधनों का प्रभावी तरीके से उपयोग किया जा सकें। यह भौतिक सोना रखने के लिए एक बेहतर ऑप्शन हैं।
Times Now Navbharat पर पढ़ें Business News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।