Rail Budget 2021: रेलवे की सूरत और सीरत बदलने के लिए बड़े ऐलान, खास नजर

बिजनेस
ललित राय
Updated Feb 01, 2021 | 18:15 IST

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पिटारे से रेलवे की झोली में क्या कुछ आया इसके बारे में खास जानकारी यहां दी गई है।

Railway in Budget 2021-22: आम बजट में रेलवे को क्या कुछ मिला, खास नजर
रेल इंफ्रास्ट्रक्चर पर खास ध्यान 
मुख्य बातें
  • रेलवे के लिए एक लाख 10 हजार 55 करोड़ का आवंटन
  • 2030 से नई रेल योजना प्रारंभ होगी
  • मेट्रो के लिए 11 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान

नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2021-22 का आम बजट पेश कर दिया है। यह बजट इस मायने में खास है क्योंकि पिछला वित्तीय वर्ष कोरोना संकट के दौर से गुजरा है। इस बजट में देश के तमाम क्षेत्रों पर खास ध्यान दिया गया है। यहां हम आपको बताएंगे कि रेल सेक्टर के लिए वित्त मंत्री के पिटारे में क्या कुछ खास है।

शहरी क्षेत्रों में बेहतर कनेक्टिविटी पर जोर देते हुए सीतारमण ने कहा कि सरकार मेट्रो रेल नेटवर्क का विस्तार करके और सिटी बस सेवा प्रारंभ कर शहरी क्षेत्रों में सार्वजनिक परिवहन को बढ़ाने की दिशा में काम करेगी।उन्होंने कहा, "देश में इस समय करीब 702 किलोमीटर पारंपरिक मेट्रो ट्रेनें चल रही हैं और 27 शहरों में 1,016 किलोमीटर लंबी मेट्रो तथा आरआरटीएस लाइनों का निर्माण किया जा रहा है।"


बजट 2021- 22 में रेल सेक्टर

  1. रेलवे के लिए एक लाख 10 हजार 55 करोड़ का आवंटन
  2. डीडीएफसी के पूर्वी सेक्टर को इस साल के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा
  3. ब्राड गेज रास्तों को 100 फीसद विद्युतीकरण दिसंबर 2023 तक पूरा होगा।
  4. पर्यटन वाले  क्षेत्रों में विस्टाडोम कोच का प्रयोग
  5. एक लाख 10 हजार 55 करोड़ का आवंटन रेलवे के लिए
  6. देश में 702 किमी मेट्रो रूट पहले से ही देश में मौजूद
  7. मेट्रो के लिए 11 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान
  8. 2030 से नई रेल योजना प्रारंभ होगी
  9. दो तरह की मेट्रो सेवा मेट्रो लाइट और मेट्रो नियो की शुरुआत की जाएगी। 
  10. कुछ और शहरों में मेट्रो सेवा शुरू की जाएगी।
  11. वेस्टर्न और इस्टरिन फ्रेट कॉरिडोर जून 2022 तक
  12. फ्यूचर रेल रेडी सिस्टम बनाना बड़ा लक्ष्य
  13. बिजली से चलने वाली ट्रेनों का विस्तार होगा
  14. रेलवे डेडिकेटेड फ्रंट को और आगे बढ़ाएंगे। 

सार्वजनिक बस परिवहन सेवाओं का विस्तार करने के लिए 18,000 करोड़ रुपये की लागत से एक नई योजना शुरू की जाएगी। इसके तहत नवोन्मेषी पीपीपी मॉडल लागू किया जाएगा, जिसके तहत निजी क्षेत्र के परिचालकों को 20,000 से ज्यादा बसों की खरीद, परिचालन, रख-रखाव और वित्त का प्रबंधन करने का अवसर मिलेगा। इस योजना से ऑटोमोबाइल क्षेत्र को बढ़ावा मिलने के साथ-साथ आर्थिक प्रगति की रफ्तार तेज होगी, युवाओं के लिए रोजगार के अवसरों का सृजन होगा और शहरी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए आवागमन अधिक आसान हो जाएगा। 

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