नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘पारदर्शी कराधान-ईमानदार का सम्मान’ के लिए प्लेटफॉर्म लॉन्च किया, इसे कर सुधारों की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इस नए टैक्स प्लेटफॉर्म के तहत टैक्सपेयर्स को फेसलेस असेसमेंट, टैक्स पेयर्स चार्टर, फेसलेस अपील की सुविधा मिलेगी। फेसलेस अपील (Faceless Appeal) की सुविधा अहम मानी जा रही है, जानें ये सुविधा क्या है और ये कैसे काम करेगी।
पीएम मोदी ने देशवासियों से आगे बढ़कर ईमानदारी के साथ कर देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि 130 करोड़ लोगों के देश में मात्र डेढ़ करोड़ लोग ही कर देते हैं। वीडियो कांफ्रेन्सिंग के जरिये आयोजित इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने कहा कि अब कर प्रणाली ‘फेसलेस’ हो रही है, यह करदाता के लिये निष्पक्षता और एक भरोसा देने वाला है।
उन्होंने कहा, 'कर मामलों में बिना आमना सामना के अपील (फेसलेस अपील) की सुविधा 25 सितंबर यानी दीन दयाल उपाध्याय के जन्मदिन से पूरे देशभर में नागरिकों के लिए उपलब्ध होगी।'
पारदर्शी टैक्स व्यवस्था के तहत फेसलेस अपील की सुविधा भी शुरू करने की बात है, जो 25 सितंबर से लागू होगी, इस सुविधा के द्वारा भी भ्रष्टाचार और मनमानी को रोकने की कोशिश की जाएगी यानि फेसलेस होने का अर्थ ये है कि अगर टैक्सपेयर्स की अगर कोई शिकायत है तो उसे इसके लिए रैंडम तरीके से चुने गए अफसर के पास अपील का अधिकार होगा अब ये अधिकारी कौन है, इसके बारे में किसी को पता नहीं होगा जबकि अभी ये सिस्टम पारदर्शी नहीं था, इनकम टैक्स पेयर्स को किसी भी दफ्तर के चक्कर लगाने की जरूरत खत्म हो जाएगी कहा जा रहा है कि इस बारे में और जानकारियां भी सरकार की तरफ से शेयर की जाएंगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश का ईमानदार करदाता राष्ट्रनिर्माण में बहुत बड़ी भूमिका निभाता है, जब देश के ईमानदार करदाता का जीवन आसान बनता है, वो आगे बढ़ता है, तो देश का भी विकास होता है।
पीएम मोदी ने कहा कि अभी तक होता ये है कि जिस शहर में हम रहते हैं, उसी शहर का टैक्स डिपार्टमेंट हमारी टैक्स से जुड़ी सभी बातों को हैंडल करता है। स्क्रूटनी हो, नोटिस हो, सर्वे हो या फिर ज़ब्ती हो, इसमें उसी शहर के इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की, आयकर अधिकारी की मुख्य भूमिका रहती है। टैक्सपेयर्स चार्टर भी देश की विकास यात्रा में बहुत बड़ा कदम है। अब टैक्सपेयर को उचित, विनम्र और तर्कसंगत व्यवहार का भरोसा दिया गया है। यानि आयकर विभाग को अब टैक्सपेयर की Dignity का, संवेदनशीलता के साथ ध्यान रखना होगा। अब टैक्सपेयर की बात पर विश्वास करना होगा, डिपार्टमेंट उसको बिना किसी आधार के ही शक की नज़र से नहीं देख सकता।
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