National Bamboo Mission : किसानों की आय दोगुनी के करने के लिए मोदी सरकार लगातार प्रयास कर रही है। उनके लिए नई-नई स्कीम्स का ऐलान कर रही है। उनमें से ही एक योजना है राष्ट्रीय बांस मिशन। मोदी सरकार ने यह मिशन देश के 9 राज्य मध्य प्रदेश, असम, कर्नाटक, नागालैंड, त्रिपुरा, ओडिशा, गुजरात, उत्तराखंड व महाराष्ट्र में शु्रू किया है। मंगलवार (08 सितंबर) को इन राज्यों में 22 बांस क्लस्टरों की शुरुआत की है। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास तथा पंचायती राज मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मिशन की शुरुआत करते हुए कहा कि देश में बांस मिशन सफल हो रहा है। आइए जानते हैं आखिर यह बांस मिशन क्या है? जिसके जरिए किसानों की आय बढ़ाई जाएगी।
राष्ट्रीय बांस मिशन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की संकल्पना रही है कि इस प्रोजेक्ट के जरिए स्थानीय उद्यमियों की प्रगति हो, उनका सरंक्षण हो और देशी उत्पाद आगे बढ़ें। इस मिशन के जरिए बांस से बने प्रोडक्ट का निर्माण करके देश और दुनिया के बाजारों में निर्यात करना है। मंत्री तोमर का कहना है कि भारत अब बांस के प्रोडक्ट्स का निर्यात बढ़ाने की दिशा में अग्रसर होगा। आज सभी लोग बांस की खेती और व्यवसाय करने के लिए आजाद है। आयात नीति में भी परिवर्तन के साथ ही बांस मिशन की उपयोगिता को ध्यान में रखते हुए सरकार तेजी से काम कर रही है, जिससे यह व्यवसाय बढ़ रहा है और रोजगार के अवसर भी उपलब्ध हो रहे है। तोमर ने कहा कि देश में एक बड़ा रकबा ऐसा है जहां फसलों की खेती नहीं हो सकती लेकिन बांस का उत्पादन किया जा सकता है। मेढ़ पर भी बांस उगाकर किसान अतिरिक्त आय प्राप्त कर सकता है।(तस्वीर-Pixabay)
इसी क्रम में बांस मिशन के पीछे सरकार के उद्देश्य सभी के सहयोग से सफल हो रहे है। बांस के महत्व को देखते हुए सरकार ने पेड़ की परिभाषा से बांस को हटाने के लिए भारतीय वन अधिनियम 1972 का वर्ष 2017 में संशोधन किया, जिससे किसानों को बांस और बांस आधारित प्रोडक्टस की सुगम आवाजाही में मदद मिली है। प्रदेश भी बांस मिशन को गंभीरता से ले रहे है। हमारे यहां के कारीगर भी कुशल हैं, जिनके इस दिशा में आगे बढ़ने पर निर्यात बढ़ाने के लिए भारत अग्रसर होगा। पुरातन काल में भी लोग बांस का उपयोग अपने घरों के लिए करते थे, वे घर सुरिक्षत रहते थे। सरकार के माध्यम से अब पुरानी पद्धतियों को ही नई तकनीक से विकसित किया जा रहा है।
राष्ट्रीय बांस मिशन का आधिकारिक लोगो तैयार करने के लिए MyGoV प्लेटफॉर्म के माध्यम से ऑनलाइन प्रतियोगिता आयोजित की गई थी। देशभर से मिली 2033 प्रविष्टियों में से तेलंगाना के श्री साई राम गौड एडिगी द्वारा विकसित डिजाइन को चुना गया व उन्हें नगद पुरस्कार से सम्मानित किया गया। (तस्वीर-Pixabay)
लोगो का विवरण: बांस, ग्रामीण भारत के किसान और उद्योग के लिए समान रूप से महत्वपूर्ण रहा है। लोगो में बांस की छवि भारत के विभिन्न हिस्सों में बांस की खेती को चित्रित करती है। लोगो के चारों ओर औद्योगिक पहिया बांस क्षेत्र के औद्योगीकरण के महत्व को दर्शाता है। लोगो में सुनहरे पीले और हरे रंग का संयोजन दर्शाता है कि बांस 'हरा सोना' है। आधा औद्योगिक पहिया और आधा किसान सर्कल किसानों और उद्योग दोनों के लिए बांस के महत्व को दर्शाता है। (तस्वीर-Pixabay)
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