टैक्स मूल रुप से दो प्रकार के होते हैं एक डायरेक्ट टैक्स जिसे प्रत्यक्ष कर भी कहते हैं और दूसरा इनडायरेक्ट टैक्स जिसे अप्रत्यक्ष कर भी कहते हैं। सेवा कर यानि सर्विस टैक्स एक प्रकार का इनडायरेक्ट टैक्स होता है जो एक व्यक्ति द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं पर लिया जा जाता है। यह एक अप्रत्यक्ष कर है, चूंकि इसे सेवा प्रदाता द्वारा अपने व्यापार संबंधी लेन देनों में सेवा प्राप्त करने वाले व्यक्ति से वसूला जाता है। भारत में साल 1994 के दौरान सेवा कर प्रणाली की शुरुआत की गई थी।
यह अप्रत्यक्ष कर है जो ट्रैवल एजेंटों, रेस्तरां, केबल प्रदाताओं और कैब सर्विस देने वालों के जरिए वसूला जाता है। सेवा कर का भुगतान मासिक और त्रैमासिक आधार पर किया जाता है। तय तारीख से देरी से अगर आप सेवा कर का भुगतान करते हैं तो इसपर आपको जुर्माना लगता है। सेवा कर की एक विशेषता ये भी है कि यह कर संग्रह के उपर निर्भर करता है।
सेवा कर में क्या रियायतें हैं
छोटे सेवा प्रदाता, जिनका कारोबार प्रतिवर्ष 4 लाख रु. से कम है, उन्हें सेवा कर से छूट प्राप्त है। सेवाओं के निर्यात पर कोई सेवा कर नहीं है। संयुक्त राष्ट्र (UN) तथा अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों को प्रदान की जाने वाली सेवाओं तथा विशेष आर्थिक क्षेत्रों को दी जाने वाली आपूर्तियों को सेवा कर से छूट दी गई है। सेवा कर वस्तुओं के मूल्य और सेवा प्रदान करते समय सौंपी गई सामग्रियों पर सेवा कर देय नहीं होता है। यह छूट केवल उक्त वस्तुओं और सामग्री पर ही है।
ऑनलाइन सेवा कर का भुगतान कैसे करें
Times Now Navbharat पर पढ़ें Business News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।