अगर भारत में अगर आप कार, स्कूटर, बस, बाइक या किसी भी तरह का कॉमशियल वाहन खरीदते हैं तो आपको मोटर इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदना अनिवार्य होता है। जो थर्ड पार्टी के जरिये होता है। मोटर थर्ड-पार्टी इंश्योरेंस (Third-party insurance) या थर्ड-पार्टी लायबलिटी कवर, जिसे कभी-कभी 'एक्ट ओनली' कवर के रूप में भी जाना जाता है, मोटर वाहन अधिनियम (Motor Vehicles Act) के तहत एक वैधानिक आवश्यकता है। इसे तीसरे पक्ष (Third-party) के कवर के रूप में इसलिए कहा जाता है क्योंकि पॉलिसी का लाभार्थी कॉन्ट्रैक्ट में शामिल दो पक्षों (कार मालिक और इंश्योरेंस कंपनी) के अलावा कोई और भी है। पॉलिसी बीमाधारक को कोई लाभ प्रदान नहीं करती है।
हालांकि, यह तीसरे पक्ष के नुकसान या तीसरे पक्ष की संपत्ति का नुकसान में विकलांगता या मौत के लिए बीमाधारक के कानूनी दायित्व को कवर करता है। वाहन चलाने के लिए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस लेना भी कानूनी रूप से अनिवार्य है। थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के तहत व्हीकल से सड़क पर चलने वाले किसी व्यक्ति या अन्य को या किसी प्रॉपर्टी को हुए नुकसान का मुआवजा दिया जाता है। ऐसी घटना के कारण गाड़ी मालिक/ड्राइवर पर बनने वाली कानूनी देनदारियों का निपटारा इसी पॉलिसी से होता है।
चूंकि थर्ड-पार्टी इंश्योरेंस कवर (Third-Party Insurance Cover) अनिवार्य है, सभी गैर-जीवन बीमा कंपनियों का दायित्व है कि वे इस कवर को प्रदान करें। भारतीय संदर्भ में, ऑटोमोबाइल डीलर वाहन रजिस्ट्रेशन के साथ एक व्यापक बीमा कवर की व्यवस्था करते हैं। यह व्यापक कवर अनिवार्य थर्ड पार्टी कवर के लिए एक ऐड-ऑन है और कार के मालिक को आर्थिक नुकसान से बचाता है, जो वाहन की क्षति या चोरी के चलते होता है।
व्यापक कवर की लागत कई गुणा होती जो तीसरे पक्ष के कवर से होती है, क्योंकि डायमेज क्लेम तीसरे पक्ष के दावों की तुलना में अधिक होते हैं। अब तक, मोटर थर्ड-पार्टी इंश्योरेंस के लिए प्रीमियम की गणना, बीमा नियामक, IRDA की एक शाखा, टैरिफ एडवाइजरी कमेटी द्वारा प्रदान की गई दरों की अनुसूची के आधार पर की जाती है। लेकिन IRDA ने मोटर टैरिफ को खत्म कर दिया है। दुर्घटना पीड़ित की प्राप्त क्षमता से पीड़ित को मुआवजा काफी हद तक तय होता है।
सुप्रीम कोर्ट ने सभी दो पहिये वाहन के मालिक के लिए 5 साल का थर्ड पार्टी इंश्योरेंस करवाना अनिवार्य कर दिया है। वहीं, कार व अन्य कमर्शियल वाहन के मामले में कम से कम 3 साल का थर्ड पार्टी इंश्योरेंस अनिवार्य है। यह आदेश सितंबर 2018 से पूरे देश में लागू है। अगर कोई अपने वाहन का थर्ड पार्टी इंश्योरेंस नहीं करवा रखा है तो पकड़े जाने पर जुर्माना भरना पड़ सकता है। थर्ड पार्टी इंश्योरेंस को ऑनलाइन भी खरीदा जा सकता है।
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