Parag Agrawal: ट्विटर के सह-संस्थापक जैक डॉर्सी ने कंपनी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) के पद से इस्तीफा दे दिया है। उनकी जगह भारतीय मूल के पराग अग्रवाल लेंगे। अग्रवाल इस समय ट्विटर के मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी (CTO) हैं। IIT-बॉम्बे और स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्र अग्रवाल 2011 से ट्विटर में काम कर रहे हैं और 2017 से कंपनी के सीटीओ हैं। जब वह कंपनी में शामिल हुए थे तब उसके कर्मचारियों की संख्या 1,000 से भी कम थी।
नई भूमिका मिलने पर अग्रवाल ने कहा कि मैं जैक के नेतृत्व में हमने जो कुछ भी हासिल किया है, उस पर आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं और मैं आगे के अवसरों से अविश्वसनीय रूप से उत्साहित हूं। अपने एग्जीक्यूशन में सुधार जारी रखते हुए हम अपने ग्राहकों और शेयरधारकों के लिए जबरदस्त मूल्य प्रदान करेंगे क्योंकि हम सार्वजनिक बातचीत के भविष्य को नया आकार देते हैं।
पराग अग्रवाल ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) बॉम्बे से कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन की। आईआईटी बॉम्बे से पास आउट होने के बाद उन्होंने पीएचडी स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस में की। पराग ने माइक्रोसॉफ्ट रिसर्च और याहू रिसर्च में लीडरशिप पदों पर काम किया है। अक्टूबर 2011 में उन्होंने ट्विटर ज्वॉइन किया। पराग तब रेवन्यू और कंज्यूमर इंजीनियरिंग में अपने काम के कारण ट्विटर के पहले विशिष्ट इंजीनियर बन गए।
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ट्विटर पर पराग के काम का 2016 और 2017 में दर्शकों की वृद्धि में फिर से तेजी पर भारी प्रभाव पड़ा। अक्टूबर 2018 में ट्विटर ने पराग को कंपनी का सीटीओ बनाया। 2019 में ट्विटर के सीईओ जैक डोर्सी ने पराग को प्रोजेक्ट ब्लूस्की का प्रमुख बनाया। प्रोजेक्ट ब्लूस्की को ट्विटर पर गलत सूचना को नियंत्रित करने के लिए ओपन सोर्स आर्किटेक्ट्स की एक स्वतंत्र टीम की एक टीम के रूप में विकसित किया गया था।
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