नई दिल्ली: थोक मूल्य सूचकांक (WPI) आधारित महंगाई दर पिछले महीने की तुलना में फरवरी के महीने में बढ़कर 4.17% हो गई, सोमवार को उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) ने यह बात बताई। यह पिछले साल के इसी महीने में 2.26% पर था और पिछले महीने जनवरी 2021 में बढ़कर 2.03% हो गया था। इस साल फरवरी में थोक कीमतें पिछले 27 महीनों में सबसे अधिक थीं। इसकी वजह खाने-पीने की वस्तुओं और विनिर्मित वस्तुओं बढ़ती कीमतें हैं।
कई माह तक लगातार नरम पड़ते जाने के बाद फरवरी माह में खाने-पीने की चीजों के दाम 1.36 प्रतिशत बढ़ गए। इससे पहले जनवरी में इनमें 2.80 प्रतिशत की गिरावट आई थी। सब्जियों के दाम फरवरी में 2.90 प्रतिशत घट गए, वहीं जनवरी में इनके दाम 20.82 प्रतिशत नीचे हो गए थे। दालों की अगर बात की जाए तो फरवरी में दालों के दाम 10.25% बढ़ गए। वहीं फलों के दाम 9.48% और बिजली समूह की महंगाई 0.58% रही।
पिछले महीने की तुलना में, अनंतिम खाद्य मूल्य और मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट, जो क्रमशः डब्ल्यूपीआई सूचकांक में अधिकतम वेटेज रखते हैं, क्रमशः 3.31% और 5.81% बढ़े। सभी खाद्य वस्तुओं में, फरवरी 2020 की तुलना में फरवरी 2021 में प्याज, दालें, फल और दूध की कीमतें क्रमशः 31.28%, 10.25%, 9.48% और 3.21% बढ़ीं।
पेट्रोल और डीजल के दाम में तेजी से ईंधन और बिजली समूह की महंगाई दर 0.58% रही जबकि जनवरी में इस वर्ग में कीमत स्तर एक साल पहले से 4.78% नीचे था। हाल में अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत में तेजी और केंद्र एवं राज्यों के स्तर पर अधिक अप्रत्यक्ष कर से पेट्रोलियम उत्पादों के दाम ऐतिहासिक ऊंचाई पर पहुंच गए हैं।
इक्रा लि. की प्रधान अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि फरवरी में थोक मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई दर में तीव्र बढ़ोतरी कमोडिटी के दाम में तेजी को प्रतिबिंबित करती है। कमोडिटी के दाम में तेजी का मुख्य कारण कच्चे तेल एवं ईंधन के दाम में तेजी और वैश्विक जोखिमों के चलते धारणा कमजोर है। फरवरी में मुख्य महंगाई दर (केवल औद्योगिक उत्पादों के दामों पर आधारित महंगाई दर) 5.5% रही।
उन्होंने कहा कि खुदरा महंगाई में तेजी के साथ हमारा यह विचार बना हुआ है कि महंगाई की स्थिति को देखते हुए नीतिगत दर में कटौती की संभावना कम है और 2021 में यथास्थिति बनी रह सकती है। अगले तीन महीने में थोक महंगाई दर बढ़ने का अनुमान है क्यों की इस अवधि का तुलनात्मक आधार निम्न है।
इक्रा का अनुमान है कि सकल और थोक महंगाई दर मार्च 2021 में बढ़कर 6% के करीब पहुंच जाएगी। रिजर्व बैंक ने पिछले महीने मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए ब्याज दरों को अपरिवर्तित रखा। यह लगातार चौथी समीक्षा थी जिसमें दर में कोई बदलाव नहीं किया गया। पिछले सप्ताह जारी आंकड़े के अनुसार खुदरा मुद्रास्फीति फरवरी में यह 5.03 प्रतिशत पर रही। जबकि जनवरी में यह 4.06 प्रतिशत थी।
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