नई दिल्ली : कोरोना वायरस के कहर के बीच महंगाई मार भी बढ़ती जा रही है। खुदरा महंगाई दर से साथ-साथ थोक महंगाई दर भी बढ़ती ही जा रही है। थोक महंगाई दर अक्टूबर में बढ़कर 1.48% पर पहुंच गई है। यह इसका आठ महीने का उच्चस्तर है। विनिर्मित उत्पाद महंगे होने से थोक महंगाई दर बढ़ी है। सितंबर में थोक मूल्य सूचकांक आधारित थोक महंगाई दर 1.32% पर और पिछले साल अक्टूबर में शून्य पर थी। फरवरी के बाद यह थोक महंगाई दर का सबसे ऊंचा आंकड़ा है। फरवरी में यह 2.26% पर थी। वहीं पिछले सप्ताह जारी आंकड़ों के अनुसार उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित खुदरा महंगाई दर अक्टूबर में 7.61% रही है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार अक्टूबर में खाद्य वस्तुओं के दाम घटे, जबकि इस दौरान विनिर्मित उत्पाद महंगे हुए। अक्टूबर में खाद्य महंगाई दर घटकर 6.37% रह गई। सितंबर में यह 8.17% के स्तर पर थी।
समीक्षाधीन महीने में सब्जियों और आलू के दाम क्रमश: 25.23% और 107.70% बढ़ गए। वहीं गैर-खाद्य वस्तुओं के दाम 2.85% और खनिजों के दाम 9.11% बढ़ गए। अक्टूबर में विनिर्मित उत्पाद 2.12% महंगे हुए। सितंबर में इनके दाम 1.61% बढ़े थे। इस दौरान ईंधन और बिजली के दाम 10.95% घट गए।
भारतीय अर्थव्यवस्था पर अपनी रिपोर्ट में रिजर्व बैंक भी मुद्रास्फीति को लेकर चिंता जता चुका है। केंद्रीय बैंक का मानना है कि इससे अर्थव्यवस्था में सुधार की संभावनाएं प्रभावित हो सकती हैं।
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