नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा (Kristalina Georgieva) ने कहा है कि मौजूदा समय में वैश्विक अर्थव्यवस्था कई चुनौतियों का सामना कर रही है। उच्च मुद्रास्फीति, युद्ध की वजह से कमोडिटी की कीमतों में उतार-चढ़ाव और धीमी वृद्धि दर के बीच कॉस्ट ऑफ लिविंग का संकट है। उन्होंने एक ब्लॉग में लिखा कि, 'G20 के मंत्री और केंद्रीय बैंक के गवर्नर इस हफ्ते बाली में एकत्र हुए। वे एक ऐसे वैश्विक आर्थिक दृष्टिकोण का सामना कर रहे हैं, जो काफी गहरा हो गया है।'
आईएमएफ प्रमुख ने कहा ने कहा कि मुद्रास्फीति (Inflation) उम्मीद से ज्यादा है। महंगाई ने प्रमुख केंद्रीय बैंकों को सख्त मौद्रिक कदम की घोषणा करने के लिए प्रेरित किया है, जो आवश्यक है लेकिन वसूली पर भार पड़ेगा।
अगले दो सालों में और गिरावट का अनुमान
उन्होंने आगे कहा कि महामारी की वजह से ग्लोबल सप्लाई चेन में आई बाधाओं ने आर्थिक गतिविधियों में बाधा उत्पन्न हुई है। क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने कहा कि, हाल के संकेतों से दूसरी तिमाही में कमजोरी का संकेत मिलता है। ऐसे में हम इस महीने के अंत में अपने वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक अपडेट में 2022 और 2023 दोनों सालों के लिए वैश्विक विकास में और गिरावट का अनुमान दर्ज करेंगे।'
मंदी का जोखिम
वास्तव में, दृष्टिकोण बेहद अनिश्चित बना हुआ है। यूरोप में नैचुरल गैस की सप्लाई में और व्यवधान कई अर्थव्यवस्थाओं को मंदी में डाल सकता है और वैश्विक ऊर्जा संकट को ट्रिगर कर सकता है। यह भी उन कारकों में से एक है जो पहले से ही कठिन स्थिति को और खराब कर सकता है।
मजबूत अंतरराष्ट्रीय सहयोग की जरूरत
उन्होंने कहा कि हमें G-20 के नेतृत्व में निर्णायक कार्रवाई और मजबूत अंतरराष्ट्रीय सहयोग की जरूरत है। जी 20 के लिए हमारी नई रिपोर्ट में उन नीतियों को रेखांकित किया गया है जिनका इस्तेमाल देश मुसीबतों के इस समुद्र में नेविगेट करने के लिए कर सकते हैं।
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