Year Ender 2021: शेयर बाजार (stock market) में तेजी की वजह से साल 2021 अब तक इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) और लिस्टिंग के लिए सबसे अच्छा साल रहा है। जनवरी के बाद से मुख्य एक्सचेंजों पर सूचीबद्ध 56 आईपीओ (13 दिसंबर 2021 तक) में से 41 अपने ऑफर प्राइस से ऊपर कारोबार कर रहे थे। 2021 में 56 कंपनियों ने आईपीओ के जरिए करीब 1.20 लाख करोड़ रुपये जुटाए हैं और इनमें से 39 कंपनियां लिस्टिंग के दिन ही अपने इश्यू प्राइस के मुकाबले ज्यादा ऊपर बंद हुई हैं।
इन कंपनियों ने दिया अच्छा रिटर्न
हाल ही में सूचीबद्ध शेयरों में से 16 ने निवेशकों की संपत्ति दोगुनी से अधिक की है क्योंकि ये कंपनियां उनके निर्गम मूल्य से 100 फीसदी ऊपर कारोबार कर रही हैं। इन कंपनियों में स्टोव क्राफ्ट लिमिटेड, नुरेका लिमिटेड, एमटीएआर टेक्नोलॉजीज लिमिटेड, ईजी ट्रिप प्लानर्स लिमिटेड, लक्ष्मी ऑर्गेनिक इंडस्ट्रीज लिमिटेड, नज़र टेक्नोलॉजीज लिमिटेड, बारबेक्यू नेशन हॉस्पिटैलिटी लिमिटेड, मैक्रोटेक डेवलपर्स लिमिटेड, सोना बीएलडब्ल्यू प्रिसिजन फोर्जिंग लिमिटेड, क्लीन साइंस एंड टेक्नोलॉजी लिमिटेड, जीआर इंफ्राप्रोजेक्ट्स लिमिटेड, तत्व चिंतन फार्मा केम लिमिटेड, देवयानी इंटरनेशनल लिमिटेड, पारस डिफेंस एंड स्पेस टेक्नोलॉजीज लिमिटेड, सिगाची इंडस्ट्रीज लिमिटेड और लेटेंट व्यू एनालिटिक्स लिमिटेड शामिल हैं।
15 आईपीओ में निवेशकों का पैसा डूबा है। सूर्योदय स्मॉल फाइनेंस बैंक, नुवोको, विंडलास बायोटेक, कृष्णा डायग्नोस्टिक्स जैसी फर्म और पेटीएम और कारट्रेड जैसे दो स्टार्टअप वर्तमान में अपने ऑफर मूल्य से नीचे कारोबार कर रहे हैं।
चुनौतीपूर्ण हो सकता है साल 2022- रवि सिंह
शेयर इंडिया सिक्योरिटीज के उपाध्यक्ष और हेड ऑफ रिसर्च रवि सिंह ने बताया कि, '2021 में इक्विटी बाजारों में एक ऐतिहासिक कदम देखा गया क्योंकि बेंचमार्क सूचकांकों ने बेहतर मैक्रो मापदंडों, उच्च तरलता और कॉर्पोरेट आय में मजबूत वसूली के कारण इतिहास में पहली बार 18000 और 60000 अंक के साथ नए उच्च स्तर को छुआ। अधिकांश आईपीओ ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया, जिससे निवेशकों को काफी फायदा हुआ।'
आगे रवि सिंह ने कहा कि मुद्रास्फीति में और वृद्धि की संभावना को देखते हुए, संभावना है कि अधिकांश केंद्रीय बैंक तरलता पर अंकुश लगाने के लिए ब्याज दरें बढ़ा सकते हैं। ओमिक्रोन (Omicron) को लेकर बढ़ती अनिश्चितता और डर से अगले साल बाजार प्रभावित हो सकता है। वैश्विक अर्थव्यवस्थाएं पहले से ही उच्च मुद्रास्फीति और आर्थिक बाधाओं का सामना कर रही हैं और कोविड के प्रकोप के बाद अभी भी पुनरुद्धार मोड में हैं। ऐसे में अगर दोबारा लॉकडाउन और पाबंदियां लगाई जाती हैं तो रिकवरी की रफ्तार को बनाए रखना काफी मुश्किल होगा। वर्ष 2021 शेयर बाजार में निवेश से रिटर्न उत्पन्न करने के मामले में बहुत अच्छा रहा है लेकिन वर्ष 2022 अधिक चुनौतीपूर्ण प्रतीत होता है।
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