Cashback : मोरेटोरियम के दौरान क्रेडिट कार्ड का बकाया जमा किया है तो मिल सकता है कैशबैक

सरकार ने मोरेटोरियम के दौरान ब्याज पर ब्याज में छूट दी है जिसमें आठ कैटेगरी में लोन लेने वालों को फायदा होगा।

You can get cashback from Bank if you have deposited Credit card dues during the Moratorium
ब्याज पर ब्याज में छूट की घोषणा की गई है 
मुख्य बातें
  • दो करोड़ रुपए तक लिए गए लोन के लिए ब्याज पर ब्याज में छूट दी जा रही है
  • सभी बैंकों को 5 नवंबर तक लोन लेने वालों के खातों में जमा करने को कहा गया है
  • आठ कैटेगरी के लोन लेने वालों को इस स्कीम का लाभ मिलेगा

नई दिल्ली: अगर आपने लॉकडाउन में मोरेटोरियम के दौरान अपनी ईएमआई किस्तों को चुकाना जारी रखा तो आप अपने बैंक से कैशबैक के लिए पात्र हो सकते हैं। सरकार ने 2 करोड़ रुपए तक लिए गए लोन के लिए ब्याज पर ब्याज छूट देने की घोषणा की, भले ही आपने मोरेटोरियम का लाभ उठाया है या नहीं। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने कहा कि भारत सरकार ने  पात्र लोन खातों के लिए चक्रवृद्धि ब्याज (compound interest) और साधारण ब्याज (simple interest) के बीच के अंतर के भुगतान को लेकर अनुदान की स्कीम की 23 अक्टूबर को घोषणा की थी। इस स्कीम के तहत 2 करोड़ रुपए तक के लोन पर ब्याज के ऊपर लगने वाला ब्याज एक मार्च, 2020 से 6 महीने (1 मार्च 2020 से 31 अगस्त 2020) के लिए माफ किया जाएगा। सरकार ने सभी बैंकों को 5 नवंबर तक चक्रवृद्धि ब्याज और साधारण ब्याज के अंतर को कर्जदारों के अकाउंट में जमा करने के लिए कहा था। आठ कैटेगरी में लिए गए 2 करोड़ रुपए से कम के लोन लेने वालों को इस स्कीम का लाभ मिलेगा। 

इस स्कीम का लाभ लेने के लिए कौन-कौन पात्र हैं?

  1. सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) लोन (Micro, small and medium enterprises (MSMEs) loans)
  2. शिक्षा लोन ( Education loans)
  3. होम लोन (Home loans)
  4. उपभोक्ता टिकाऊ लोन (Consumer durables loans)
  5. क्रेडिट कार्ड बकाया (Credit card dues) 
  6. ऑटो लोन  ( Auto loans)
  7. पर्सनल और प्रोफेशनल लोन (Personal & professionalloans )
  8. उपभोग लोन (Consumption loans)

यह कैसे काम करता है? इसे जरूर जानना चाहिए

मंत्रालय ने कहा कि क्रेडिट कार्ड बकाये के मामले में, ब्याज दर 1 मार्च से 31 अगस्त के दौरान अपने ग्राहकों से ईएमआई आधार पर फाइनेंस लेनदेन के लिए कार्ड जारीकर्ता द्वारा वसूल की गई औसत उधार दर (WALR) होगी।  दंड ब्याज और लेट पेमेंट के लिए जुर्माना कॉन्ट्रैक्ट रेट या WALR के हिस्से के रूप में नहीं लिया जाएगा। लोन देने वाली संस्था या तो एक बैंकिंग कंपनी, या सरकारी बैंक, सहकारी बैंक या क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक या अखिल भारतीय वित्तीय संस्थान, एक गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थान, हाउसिंग फाइनेंस कंपनी या एक माइक्रोफाइनेंस संस्था होना चाहिए। कर्जदाता 5 नवंबर तक पात्र लोन लेने वालों के अकाउंट्स में चक्रवृद्धि ब्याज और साधारण ब्याज के बीच के अंतर को अवश्य जमा कर दें।

बैंकों, सहकारी बैंकों, हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों और माइक्रोफाइनेंस संस्थानों सहित विनियमित ऋणदाता इस योजना के लिए पात्र होंगे। आरबीआई ने मार्च में कोरोनो वायरस के प्रकोप के बाद तीन महीने के लिए ईएमआई और क्रेडिट कार्ड के बकाया की अदायगी पर मोरेटोरियम दी थी। बाद में, केंद्रीय बैंक ने उस तीन महीने की अवधि को 31 अगस्त, 2020 तक बढ़ा दिया। हालांकि, इस बात पर भ्रम था कि इस मोरिटोरियम अवधि के दौरान ब्याज पर ब्याज लिया जाएगा। तो, उस समय सुप्रीम कोर्ट में इस संबंध में एक याचिका दायर की गई थी। आगरा के एक याचिकाकर्ता ने शीर्ष अदालत से अनुरोध किया कि मोरेटोरियम के दौरान कोई ब्याज नहीं लिया जाए।

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